भण्‍डाफोड़ू के पुराने लेख...2

अल्लाह की असलियत !!

मुसलमान अपने अल्लाह को सबसे बड़ा और महान बताते हैं .और बात बेबात पर "अल्लाहो अकबर "का नारा लगाकर खुद को अल्लाह का सच्चा बन्दा साबित करने की कोशिश करते रहते हैं .सब जानते हैं कि यही नारा लगाकर हमलावरों ने कई देश बर्बाद कर दिए ,यही नारा लगा कर आतंकवादी निर्दोष लोगों के गले काटते हैं ,और यही वाक्य कहकर मुसलमान मूक जानवरों को हलाल करते हैं. लेकिन कुछ मूर्ख सेकुलर और अज्ञानी लोग बिना अल्लाह के बारे में जानकारी के ईश्वर और अल्लाह को एकही बताते है ,मुसमान भी अलह के बारे में सिर्फ उतना ही जानते हैं ,जो कुरान और हदीसों में लिखा है .वह नहीं जानते कि अल्ल्लाह का शरीर कैसा है ,उसका स्वभाव कैसा है ,उसकी दिनचर्या क्या है और वह किस भाषा में बात करता है ,आदि मुसलमान यह भी दावा करते है कि ,अल्लाह के बारे में मुहम्मद को पूरी जानकारी थी .क्योंकि वह अक्सर अल्लाह से मिलने जन्नत जाया करता था,और अल्लाह से सम्बंधित छोटी छोटी जानकारी अपने साथियों को देता रहता था ,जिसे वह लोग लिख लेते थे . आज वह जानकारी आपके सामने प्रस्तुत की जा रही है ,जो मैंने इस्लाम की प्रमाणिक साईट से संकलित की है .इसमे सिर्फ हिंदी अनुवाद मेरा है ,बाकी अरबी ,अंगरेजी अंश दीगयी साईट से लिए गए है . ध्यान से पढ़िए अब अल्लाह की असलियत का भंडा फोड़ा जा रहा है -
1-अल्लाह के हाथ और उंगलियाँ हैं
Allah has hands, fingers and fingertips
We read in Sefat Allah by Alawi al-Saqaaf, page 246:
हाथ होना अल्लाह का गुण है हम इसे मानते है जैसे दूसरी बातें मानते हैं
الْيَدَانِ صفةٌ ذاتيةٌ خبرِيَّةٌ لله عَزَّ وجَلَّ ، نثبتها كما نثبت باقي صفاته تعالى
“Possession of two hands is a quality of Allah, we believe in it as we believe in other qualities”
On page 184, we read:
हथेलियाँ होना अल्लाह की विशेषता है ,जो हदीसों से साबित है
الْكَفُّ صفةٌ ذاتيةٌ خبريةٌ ثابتةٌ لله عَزَّ وجَلَّ بالأحاديث الصحيحة
“Palm of the hand is a quality of Allah almighty proven by Sahih Hadiths”
On page 32, we read:
अल्लाह की उंगलियाँ होना हदीस से साबित है
الأَصَابِعُ صفةٌ فعليَّةٌ خبريَّةٌ ثابتةٌ لله عَزَّ وجَلَّ بالسُّنَّة الصحيحة.
“Fingers are Allah's quality proven by Sahih Sunnah”
On page 36, we read:
अल्लाह की उंगलियाँ और अगली पोर भी हदीस से साबित है
الأَنَامِلُ صفةٌ ذاتيةٌ خبريَّةٌ ثابتةٌ لله عَزَّ وجَلَّ بالحديث الصحيح.
“The Fingertip is a quality of Allah almighty proven by Sahih Hadith”
हाथों से चीजें उठाना अल्लाह की विशेषता है और कुरान और हदीस से साबित है
On page 26, we read that Allah (swt) uses his hands to lift things:
الأَخْذُ بِالْيَدِ صفةٌ فعليةٌ خبريَّةٌ ثابتةٌ لله عَزَّ وجَلَّ بالكتاب والسنة.
“Lifting by the hand is a quality of Allah proven by Quran and Sunnah.”
Similarly Salafi scholar Hamad bin Nassir al-Mu'amar states in Al-Tauhfa al-Madania, page 129:
अल्लाह के दो हाथ हैं.
وأن له يدين
“He (Allah) has two hands”
2-अल्लाह के दौनों हाथ दायीं तरफ हैं
Allah has two right hands
We read in Al-Wajiz fi Aqidat Al-Salaf al-Saleh by Abdullah al-Athari, page 47:
अल्लाह ने आदम को अपने दायें तरफ के दौनों हाथों से बनाया था
وأَنَ الله تعالى خلق آدم - عليه السلام- بِيَديه ، وأَن كلتا يديه يمين
“Allah almighty created Adam (pbuh) with his own two hands both of which are right sided”
3-अल्लाह का चेहरा ,पैर ,टांगें ,पिंडली ,हाथ ,कमर ,कूल्हा ,और पीठ है
Allah has a face, legs, feets, a shin, hands, waist, hips and flanks
About Allah (swt) possessing flank, Muhammad Sidiq Khan al-Qanooji records in Katf al-Thamar fi Bayan Aqidat Ahl al-Athar, page 76:
मुहम्मद सिद्दीकी अल कनूजी ने कत्फल समार वल बयान अकीदत अल अतहर में लिखा है कि अलाह की विशेषता है कि उसके हाथ ,उंगलियाँ ,बायाँ पैर ,टांगें ,चेहरा ,आत्मा ,ऑंखें भी हैं और वह नीचे उतरना ,पहुंचना,बातें करना सभी काम करता है
ومن صفاته سبحانه : اليد (1) ، واليمين (2) ، والكف (3) ، والإصبع (4) ، والشمال (5) ، والقدم (6) ، والرجل (7) ، والوجه (8) ، والنفس (9) ، والعين (10) ، والنزول (11) ، والإتيان (12) ، والمجيء (13) ، والكلام (14) ، والقول (15) ، والساق (16) ، والحقو (17) ، والجنب (18).....
His almighty qualities are: hand, left hand, palm of the hand, finger, left hand, feet, leg, face, soul, eye, coming down, coming, arrival, talking, saying, shin, waist, flank…
4-अल्लाह पालथी मार कर बैठता है
Allah sits on the throne in a cross legged position
तफ़सीर अल तबरी में लिखा है कि मुहम्मद बिन किस ने कहा एक आदमी कअब के पास गया और पूछा हमारा खुदा कहाँ है .यह सुनकर लोगों ने उसको फटकार कर कहा तेरी यह सवाल करने की हिम्मत की हुई .लेकिन कअब ने कहा इसके लिए तुझे प्रयास करना होगा और जानकारी लेना होगी तूने पूछा है ,अल्लाह इस समय एक बड़े सिंहासन पर पैर पर पैर चढ़ा कर बैठा है
We read in Tafsir al-Tabari:
Muhammad bin Qays narrated that A man came to Ka'b and asked him, ‘O Ka'b, where is our Lord?’ People rebuked him, saying: ‘You dare ask such about Allah?’ Ka'b answered, ‘If you are learned, strive to learn more. And, if you are ignorant, seek knowledge. You asked about our Lord. He is above the great Throne, sitting, placing one of His legs over the other.
5-अल्लाह टहलता है
Allah moves from one place to another
आना और जाना यह अल्लाह की विशेषता है ,जो कुरान और हदीस से साबित है
We read in Sefat Allah by Alawi al-Saqaaf, page 18:
الإتْيَانُ وَالْمَجِيءُ صفتان فعليتان خبريَّتان ثابتتان بالكتاب والسنة.
“Coming and arrival are two qualities which are proven by the Quran and traditions”
We read in Sharh al-Aqida al-Wasetiya by Imam Ibn Uthaimin, page 176:
सुन्नी मानते हैं कि अल्लाह शारीरिक रूप से आता है
وأهل السنة والجماعة يثبتون أن الله يأتي بنفسه هو
"Ahlulsunnah believes that Allah physically comes"
We read in Al-Wajiz fi Aqidat Al-Salaf al-Saleh, by Abdullah al-Athari, page 50:
6-अल्लाह लिख सकता है
Allah can write
लिखना और चित्रकारी करना यह अल्लाह की विशेषता है ,जो कुरान और हदीस से साबित है ,अल्लाह जब चाहे ,जो चाहे लिख सकता है
we read in Sefat Allah by Alawi al-Saqaaf, page 181:
الْكِتَابَةُ وَ الْخَطُّ صفةٌ فعليَّةٌ خبريَّةٌ ثابتةٌ لله عَزَّ وجلَّ بالكتاب والسنة ، فهو سبحانه يكتب ما شاء متى شاء
"Writing and drawing are qualities of Allah almighty proven by the Quran & traditions, he almighty writes what ever he wants whenever he wants"
We read in Sharh al-Aqida al-Wasetiya by Imam Ibn Uthaimin, page 185:
7-अल्लाह मटरगश्ती करता है
Allah performs jogging
हदीसों से अल्लाह की मटरगश्ती साबित है
We read in Sefat Allah by Alawi al-Saqaaf, page 232:
الْهَرْوَلَةُ صفةٌ فعليةٌ خبريَّةٌ ثابتةٌ لله عَزَّ وجَلَّ بالحديث الصحيح.
“Jogging is a quality of Allah almighty proven by Sahih Hadith”
We read in Fatawa al-Aqida by ibn Uthaimin, page 112:
क्या कोई हमें इस विश्वास से रोक सकता है कि अल्लाह मटरगश्ती करता है
وأي مانع يمنع من أن نؤمن بأن الله تعالى يأتي هرولة
“What could forbid us from believing that Allah performs jogging?”
In Fatawa al-Lajnah al-Daema lelbuhuth by Ahmad al-Duwaish, page 196, we read the following fatwa of late Salafi/Wahabi leader Ibn Baz:
सवाल .क्या अल्लाह मटरगश्ती करता है ?
जवाब .हाँ
س : هل لله صفة الهرولة ؟
ج : نعم
Question: Is jogging a quality of Allah?
Answer: Yes.
8-अल्लाह धोका देता है ,चिढ़ाता है
Allah cheats and mocks
धोका देना अल्लाह की आदत है जो कुरान और हदीस से साबित है
We read in Sefat Allah by Alawi al-Saqaaf, page 89:
لخداعُ صفةٌ من صفات الله عَزَّ وجَلَّ الفعليَّة الخبريَّة الثابتة بالكتاب والسنة
“Cheating is a quality of Allah proven by the Quran and Sunnah”
On page 116, we read:
अविश्वासी लोगों को चिढाना अल्लाह का स्वभाव है जो कुरान हदीस से साबित है,
السُّخْرِيَةُ بِالكافِرينَ من الصفات الفعليَّة الخبريَّة الثابتة لله عَزَّ وجَلَّ بالكتاب والسنة.
“Mocking the disbelievers is a quality of Allah, proven by Quran and traditions”
9-अल्लाह ईर्ष्या करता है
Allah can be jealous
ईर्ष्या करना अल्लाह की विशेषता है ,जो उसे ही शोभित है
We read in Sefat Allah by Alawi al-Saqaaf, page 160:
يوصف الله عَزَّ وجلَّ بالغَيْرة ، وهي صفةٌ فعليَّةٌ خبريَّةٌ تليق بجلاله وعظمته
“Jealousy is a quality of Allah almighty and it’s a suitable quality for him.”
10-अल्लाह ऊब जाता है
Allah sometimes feels bored
अल्लाह तब तक नहीं ऊबता ,जब तक कोई उसे उबा न दे ,यह उसका गुण है
We read in Al-Fatawa wa al-Rasael by Muhammad bin Ibrahim, Volume 1 page 209:
((فإنَّ الله لا يَمَلُّ حتى تملُّوا)): من نصوص الصفات
“((Allah doesn’t feel bored till ye get bored)) this an evident of quality”
One of the revered Imams of Salafies namely Imam Ibn Uthaimin records in Fatawa al-Aqidah, volume 1 page 85:
शेख ने पूछा कि क्या हम्मान लें कि अलह ऊब जाता है ,क्या यह उनका गुण है रसूल ने कहा है जब तक कोइअल्लह को उबा नहीं देता वह नहीं ऊबता है कुछ विद्वान् इसे अल्लाह की विशेषता मानते हैं .
سئل فضيلة الشيخ : هل نثبت صفة الملل لله عز وجل ؟
فأجاب بقوله : جاء في الحديث عن النبي عليه الصلاة والسلام قوله (( فإن الله لا يمل حتى تلموا)) فمن العلماء من قال إن هذا دليل على إثبات صفة الملل لله
The Sheikh was asked: ‘Shall we believe that feeling bored is a quality of Allah?’
He replied: ‘It is narrated from the prophet (pbuh) that he said: ‘((Allah doesn’t feel bored till ye get bored))’ some scholars declared that this is a proof that feeling bored is a quality of Allah.’
11-अल्लाह ख़ुशी में फारसी और गुस्से में अरबी बोलता है
Allah converses in Persian when content and in Arabic when angry
कुछ रिवायतों से साबित होता है कि दया करते समय फारसी बोलता है ,यानि गैर अरबी भाषा जी सीरियन और हिब्रू आदि ,लेकिन जब नाराज होता है तो अरबी भाषा बोलता है.
The Sunni scholar Imam Ismail Haqqi al-Barousawi al Naqshbandi (died 1127 AH) in his esteemed commentary of the Holy Quran, namely Ruh al-Bayan, Volume 10 page 480 under the commentary of Surah al-Qadr states:
وفى بعض الاخبار ان الله تعالى اذا تكلم بالرحمة تكلم بالفارسية والمراد بالفارسية لسان غير العرب سريانيا كان او عبرانيا واذا تكلم بالعذاب تكلم بالعربية
"And some narrations state that when Allah (swt) converses in kindness He does so in Farsi (Persian), Farsi meaning a language other than the language of the Arabs; be it Syrian or Hebrew, and when He makes reference to punishment, He converses in Arabic"
.
अब इतना पढ़ने के बाद अज्ञानी सेकुलर अल्लाह को ईश्वर मानें तो हमें उनकी बुद्धि पर दया आती है .मेरी ऐसे अल्लाह को मानने वालों से गुजारिश है इस अल्लाह का पल्ला छोड़ो ,और कोई भलाई के काम करो ,जिस से दुनिया का भला हो .आप सब से यह भी निवेदन है कि इस लेख की जानकारी अपने मित्रों को जरूर दें ,ताकि सबको मुसलमानों के अल्लाह की हकीकत पता चल सके .और वह अल्लाह को ईश्वर समझने की भूल नहीं करें .. नोट -अल्लाह के बारे में यह लेख का पूर्वार्ध है ,बाकी भाग जल्द ही पोस्ट किया जायेगा .आप प्रतीक्षा करिए .
http://www.answering-ansar.org/wahabis/en/chap5.php



इस्लाम की सौगात !

आजकल बेशर्मी ,नंगापन ,होमोसेक्सुअलिटी ,और व्यभिचार समाज के अभिन्न अंग बनते जा रहे हैं .लोग इसे फैशन ,या नई संस्कृति मानकर स्वीकार करने लगे है. हिन्दुस्तान टाइम्स 18 जुलाई 2011 और 22 जुलाई 2011 दिल्ली और भोपाल में "बेशर्मी मोर्चा Slut Walk "निकला गया .जिसमे लडके लड़कियाँ अधनंगे होकर जुलुस निकाल रहे थे .और बेशर्मी का प्रदर्शन कर रहे थे .इसी तरह कुछ दिन पूर्व दैनिक जागरण ने लोगों से "Homosexuality "के बारे में राय मांगी है ,कि क्या यह कोई मानसिक रोग है ,या सामान्य बात है .
कुछ लोग इसको पश्चिम ,या अमेरिका की देन कहते हैं .लेकिन यदि हम इस्लाम की परंपरा और इतिहास को देखें तो पता चलता है ,यह सब कुकर्म इस्लाम की देन हैं .यही साबित करने के लिए जल्दी में यह लेख लिखा है .ताकि लोग इसे पढ़कर जागरण के ब्लॉग में जवाब दे सकें .
बेशर्मी ,Homosexuality ,और व्यभिचार इस्लाम की सुन्नत है .आप सबूत देखिये -
1-आयशा की बेशर्मी
सलमा बिन अब्दुर रहमान ने कहा मैं अपने दूधभाई के साथ घर में था ,तभी आयशा आयशा आई और बोली ,मुझे बर्तन देदो ,रसूल के साथ सम्भोग करने के बाद मुझे नहाना है .बाद में आयशा एक परदे की आड में हमारे सामने नंगी नहाने लगी .उसने तीन बार पानी डाला .और बालों को झटकाया .उसके बाल कानों तक थे .उस से नीचे नहीं थे .
With this in mind we invite you to ponder over this hadith:
Abu Salama b. 'Abd al-Rahman reported: I along with the foster brother of 'A'isha went to her and he asked about the bath of the Apostle (may peace be upon him) because of sexual intercourse. She called for a vessel equal to a Sa' and she took a bath, and there was a curtain between us and her. She poured water on her head thrice and he (Abu Salama) said: The wives of the Apostle (may peace be upon him) collected hair on their heads and these lopped up to ears (and did not go beyond that).
" سلامة (ب) "وذكرت عبد الرحمن : أنا مع الأخ تشجيع من عائشة ذهبت إليها وسأل عن حمام من الرسول (صلي الله عليه وسلم) لأن الجماع الجنسي. دعت لسفينة يساوي 'سا وأخذت حماما، وكان هناك ستارة بيننا وبين لها. سكب الماء على أنها رأسها ثلاث مرات وكان (أبو سلامة) قال : زوجات الرسول (صلي الله عليه وسلم) جمع الشعر على رؤوسهم، وهذه تصل إلى آذان (ولم يذهب أبعد من ذلك)."
Sahih Muslim, Book 003, Number 0626
2-आयशा व्यभिचार में पकड़ी गयी
कसीर के अनुसार जब मुहम्मद की पत्नी एक व्यक्ति के साथ रंगरेलियां मनाते हुए पकड़ी गयी ,तो मुहमद ने उसे सजा देने की जगह लोगों को जमा किया ,और कुरान की आयतें बना कर आयशा को निर्दोष बता दिया और ,गवाह मतशः बिन उतबा,हसन बिन साबित और हमना बिन्त जहश को दोषी करार करते हुए सजा सुना दी .( यह लेख दिया जा चका है )
Ayesha was accused of adultery
Ibn Kathir records in Al-Bidaya wa al-Nihaya, Volume 4 page 186:
ثم خرج إلى الناس فخطبهم وتلا عليهم ما أنزل الله عزوجل من القرآن في ذلك ثم أمر بمسطح بن أثاثة وحسان بن ثابت وحمنة بنت جحش وكانوا ممن أفصح بالفاحشة فضربوا حدهم.
"Then he (prophet) went to the people and addressed and then recited what Allah revealed in Quran, then he ordered that Mastah bin Uthatha, Hasaan bin Thabit, Hamna bint Jahsh be punished because they were among those who had spread the allegation of adultery".
Al-Bidaya wa al-Nihaya, Volume 4 page 186:
3-मुहम्मद की बेशर्मी
तबकाते इब्ने साद में अबू मशेर ने कहा है ,जब रसूल मलइका बिन्त नामकी सुन्दर लड़की से शादी के बाद अपने घर लाये .और सुहागरात कि तय्यारी में थे ,तो आयशा ने धिक्कारते हुए कहा .तुम्हें ऐसी लड़की से शादी करते हुए शर्म नहीं आती ?जिसने तुम्हारे बाप को क़त्ल किया था .
We read in Tabaqat Ibn Saad:
"تزوج النبي (ص) ​​لمليكة بنت كعب، وقالت انها كانت جميلة جدا ، وبالتالي ذهبت عائشة وقال لها : "هل أنت لا تخجل من الزواج من قاتل والدك"

Abu Masher said: 'The prophet (pbuh) got married to Malika bint Kaab, she was very beautiful, thus Ayesha went to her and said: 'Are you not ashamed of getting married to the killer of your father?'
Tabaqat Ibn Saad, Volume 8 page 148
4-मुहम्मद अपनी बहू के साथ नशा करता था
आयशा ने कहा कि रसूल जहश की बेटी जैनब ( मुहामद के मुंहबोले बेटे जैद की पत्नी )के घर छुपकर शहद पीने के बहाने "मगफिर "नामकी एक बदबूदार शराब पीते थे .मैंने और हफ्शा ने मिलकर इसकी जाँच करने की योजना बनाई .अगर वह शराब पियेंगे तो उसकी गंध सूंघने से पता चल जाएगी .बाद में यही बात सही निकली .पकडे जाने पर रसूल बोले मैं कसम खाता हूँ कि अब ऐसा नहीं करूंगा .और तुम भी वादा करो कि यह बात किसी को नहीं कहोगी .
"Narrated 'Aisha: Allah's Apostle used to drink honey in the house of Zainab, the daughter of Jahsh, and would stay there with her. So Hafsa and I agreed secretly that, if he come to either of us, she would say to him. "It seems you have eaten Maghafir (a kind of bad-smelling resin), for I smell in you the smell of Maghafir," (We did so) and he replied. "No, but I was drinking honey in the house of Zainab, the daughter of Jahsh, and I shall never take it again. I have taken an oath as to that, and you should not tell anybody about it".
Sahih Bukhari Volume 6, Book 60, Number 434:
5-समलैंगी काजी बन जाते थे
Qadhi Yahya bin Aktham (d. 242 H) was a homosexual
the supreme judge, the jurist, the scholar’ (Siar alam alnubala, v12 p5) and also stated: ‘He was among the mujtahid Imams’ (Siar alam alnubala, v12, p6).
Allamah Ragihb Asfahani records in his famed work Al-Muhadarat al-Udaba, Volume 3 page 351:
एकबार काजी याहया बिन अख्ताम खलीफा मामून के पास गए ,वहां एक सुन्दर लड़का बैठा था ,मामू ने कहा इस लडके से बात करो ,इसकी परीक्षा लो ,काजी ने पूछा ,आजकल क्या खबर चल रही है .लड़का बोला जमीन पर तो यह खबर है कि ,आप एक समलैंगी हो ,और असमान पर यह खबर है कि आप Anus के शौक़ीन हो (लौंडेबाज ).काजी के पूछा इनमे कौन सी बात सही है .लड़का बोला आसमान की बात कभी गलत नहीं हो सकती .यह उनकर काजी याह्या शर्मा कर चुप हो गया .
دخل يحيى بن أكثم على المأمون فرأى عنده غلاماً صبيح الوجه فقال له المأمون: استنطقه وامتحنه فقال له القاضي: ما الخبر؟فقال له: الخبر خبران خبر في الأرض أنك لوطي، وخبر في السماء أنك مأبون، فقال له المأمون: وأيهما أصح؟فقال: خبر السماء فخجل يحيى وانقطع.
"Once Yahya bin Aktham went to Mamun and saw a cute boy sitting next to him, Mamun asked: ‘Talk to him and examine him.’ Then the Qadhi asked: ‘What's the news?’ The boy replied: ‘On earth it is known that you are a homosexual whereas in the skies it is known that you have an addiction to the anus’. The Qadhi asked: ‘Which news is correct?’ The boy replied: ‘The news in the skies can never be wrong’ Yahya then felt shy and remained silent.
In Siar alam alnubala, Volume 12 page 10,
He used to mess with cute boys when he was young”
काजी सुन्दर किशोरों को दावत पर बुलाता था .
We read the following poem by Ahmad bin Abi Naeem which he wrote for Yahyah bin Aktham in Tarikh Baghdad, Volume 14 page 196:
حاكمنا يرتشى وقاضينا ... يلوط والراس شر ما راس ... ... لا احسب الجور ينقضى وعلى ... الأمة وال من ال عباس
"
Our Judge is homosexual
हमारे काजी समलैंगी हैं
Tarikh Baghdad, Volume 14 page 196:
6-समलैंगी और काफिर भी खलीफा होते थे
Caliph Waleed was a homosexual
यह बात सत्य है कि खलीफा वलीद काफिर या जिन्दीक था ,वह एक कुख्यात शराबी और समलैंगी भी था
Tarikh al-Islam, Volume 8 page 294:
ولم يصح عن الوليد كفر ولا زندقة نعم اشتهر بالخمر والتلوط
‘It is true that al-Waleed was Kafir or Zindeeq, yes he was known as drunkard and homosexual’
7-इमाम हसन औरतों का शौकीन था
Imam Hassan (as) loved to do marriages and give divorces
इमाम हसन को बार बार शादी करने और तलाक देने का शौक था ,उसने औरतों के मामले में हद कर दी थी .
Syar alam al-Nubala by Dahabi, Volume 3 page 253:
وكان منكحا، مطلاقا، تزوج نحوا من سبعين امرأة
"He (Hassan) was exaggerator in marriage and divorce, he got married to seventy women."



मुझे पूरा विश्वास है कि जानकर लोग इस थोड़े से प्रमाणों से अच्छी तरह से समझ गए होंगे कि हरेक बुराई की जड़ सिर्फ इस्लाम ही है ,जो धीमे धीमे सारे विश्व को बर्बाद कर रही है .अधिकांश नवाब ,शायर मौलवी homosexual थे .इसके लिए उर्दू में अलग तरह की शायरी होती है, जिसे "रेख्ता "कहा जाता है .अभी तक लोग कुरान से इस्लाम की जानकारी लेकर गुमराह हो रहे है ,इस्लाम का असली रूप तो उन किताबों में है जो मुसलमान छुपा लेते है .अगले लेखों में आपको अल्लाह का साक्षात् दर्शन किया जायेगा .उसका शरीर कैसा है ,कैसा स्वभाव है ,कौनसी भाषा बोलता है सब जानकारी दी जायेगी .आपको यह भी पता चलेगा की अल्लाह में भी आत्मा है .इसे जरुर पढ़िए !



मुसलमान का पक्का ईमान ?

मुसलमान लगों के सामने अक्सर यह कहते हैं कि ,हम अपने ईमान के पक्के हैं ,हमारा इमान पुख्ता है ,हम ईमान से समझौता नहीं कर सकते .तो लोग इसे भूल से इसे मुसलमानों की ईमानदारी( Honesty )समझ लेते हैं .वैसे इमान का अर्थ विश्वास (faith ,Belief ,Creed )भी होते हैं लेकिन बहुत कम लोग मुसलमानों के इमान का सही मतलब नहीं जानते हैं ,और धोखा खा जाते हैं .
यहाँ पर आपको प्रमाण सहित मुसलमानों के ईमान का सही नमूना दिया जा रहा है .औरइसका कारण बताया जा रहा है कि मुसलमान क्यों कहते है ,कि हमारा ईमान पक्का है .थोड़े से नमूने देखिये -
1-ईमान में यकीन
belief in Iman
अपने बाप की ह्त्या करके माँ से सम्भोग करने से ईमान में कमी नहीं होगी
having sex with one's mother and murdering one's father does not lessens one's faith
वकी ने कहा है ,एक बार सुफ़यान अल सवरी,शुरयाक अल हसन बिन सालेह ,इब्ने अबी लैला ने इमाम अबू हनीफा को बुलाया .और उनके आने पर सवाल किया यदि कोई व्यक्ति अपने बाप को क़त्ल करके अपनी माँ से सम्भोग करे ,और बाप की खोपड़ी में शराब भर कर पिए ,तो आप ऐसे व्यक्ति को क्या कहेंगे .इमाम ने कहा -वह मोमिन है (यानी ईमान वाला है )
(यही कारण है कि हरेक कुकर्म करने बाद भी मुसलमान खुद को ईमान वाला कहते हैं और कहते हैं हम ईमान के पक्के हैं )
We read in Tarikh Baghdad, Volume 13 page 378:
حدثنا وكيع قال اجتمع سفيان الثوري وشريك والحسن بن صالح وبن أبي ليلى فبعثوا إلى أبي حنيفة قال فأتاهم فقالوا له ما تقول في رجل قتل أباه ونكح أمه وشرب الخمر في رأس أبيه فقال مؤمن
Wakee narrated that Sufyan al-Thawri, Shurayk, al-Hassan bin Saleh, Ibn Abi Layla gathered and invited and invited Abu Hanfia. When Abu Hanifa arrived, they asked: ‘What is your opinion about a man who killed his father, had sexual intercourse with his mother and drank alcohol in his father's skull?’ He replied: ‘He is Momin’.
2-मुसलमान जूतों की इबादत कर सकते हैं
Muslims can worship a shoe
तारीखे बगदादी में याहया बिन सईद ने लिखा है कि ,इमाम अबू हनीफा ने कहा है ,गर कोई मुसलमान की नजदीकी हासिल करने लिए अपने जूतों की पूजा करे तो इसमे कोई गुनाह नहीं है (यानी इमान पक्का रहेगा )
( फिर मुसलमान मूर्ति पूजा के कारण हिन्दुओं को काफ़िर क्यों कहते हैं ,मूर्तिपूजा जूता पूजा से अच्छी है )
We read in Tarikh Baghdad, Volume 15 page 509:
حدثنا يحيى بن حمزة وسعيد يسمع ، أن أبا حنيفة قال : لو أن رجلا عبد هذه النعل يتقرب بها إلى الله ، لم أر بذلك بأسا
Yahya bin Saeed said: 'Abu Hanifa said that if anyone worships this shoe in order to get close to Allah (swt), it is not a sin'
3- अबूबकर और इब्लीस (शैतान )ईमान में बराबर हैं

Abu Bakar and Iblis were equal in faith
तारीखे बगदादी में इमाम अबू हनीफा ने लिखा है कि मुहम्मद के ससुर और पहले खलीफा अबूबकर सिद्दीकी का इमान इब्लीस (शैतान )के बराबर था
(जब मुसलमानों का पहला खलीफा ही इमान के मामले में शैतान के बराबर था तो दुसरे मुसलमानों का इमान कैसा होगा )
We read in Tarikh Baghdad, Volume 13 page 376:
سمعت أبا حنيفة يقول أيمان أبي بكر الصديق وإيمان إبليس واحد
“Imam Abu Hanifa said that Abu Bakr al-Sidiq and Iblis were equal in Iman".
4-सहाबी रसूल की पत्नी पर नजर रखते थे
अल दुर्र अल मंसूर में लिखा है कि मुहम्मद का एक सहाबी "तल्हा" (साथी )मुहमद की पत्नी पर नजर रखता था .और मुहम्मद की मौत के बाद उस से शादी का इरादा रखता था
Sahabi Talha was eying the wife of the Holy Prophet with the intention of marrying her after His death
कतदा ने कहा है कि सहाबी तल्हा बिन उबैदुल्लाह कहते थे कि अगर रसूल मर जाये तो मैं उसकी पत्नी आयशा से शादी कर लूंगा (इसके बाद ही कुरान में यह आयत लिखी गयी थी ,कि रसूल परेशान करना ठीक नहीं है )
( जो मुसलमान अपने रसूल की मौत के बाद उसकी पत्नी से शादी का इरादा रखतेहों वह उस रसूल पर इमान कैसे रखते होंगे )
We read in Al-Dur al-Manthur, Volume 6 page 644:
وأخرج عبد الرزاق وعبد بن حميد وابن المنذر عن قتادة رضي الله عنه قال : قال طلحة بن عبيد الله : لو قبض النبي صلى الله عليه و سلم تزوجت عائشة رضي الله عنها فنزلت وما كان لكم أن تؤذوا رسول الله
Qutada may Allah be pleased with said: 'Talha bin Ubaidullah said: 'If the prophet (pbuh) passes away, I will marry Ayesha'. Thus the verse '{ and it does not behove you that you should give trouble to the Messenger of Allah,}' was revealed'.
5-मुआविया अपनी माँ के जननांग की तारीफ़ से से खुश हो गया
Muawiyah tolerated a person praising his mother’s genitalia
शेख मुहम्मद बिन कासिम बिन याकूब ने लिखा है ,कि पांचवे खलीफा मुआविया अपने शांत स्वभाव के लिए प्रसिद्ध है .कोई उसे गुस्सा नहीं दिला सकता था .यही बात देखने के लिए एक व्यक्ति मुआविया के पास गया और बोला ,मैं तुम्हारी माँ से शादी करना चाहता हूँ ,क्योंकि उसकी योनी बड़ी ,और मजेदार है .मुआविया बोला इसीलिए तो मेरा बाप मेरी माँ की योनी को चाहता है ,फिर मुआविया ने खजांची से कहा इस आदमी को एक हजार सिक्के देदो ,जिस से यह अपने लिए गुलाम लड़की खरीद सके .
( मुसलमान कहते हैं की हम अल्लाह के आलावा किसी की भी तारीफ नहीं सुन सकते ,चाहे वह देश ही हो ,यह हमारा इमान हमारा ईमान है .लेकिन खलीफा अपनी माँ की योनी की तारीफ सुन कर इनाम दे रहा है ,क्या इसी को ईमान कहते हैं )
Sheikh Muhammad bin Qasim bin Yaqub (d. 940 H) records in his book Rawudh al-Akhbar al-Muntakhab min Rabee al-Abrar, pages 220-221:
"وكان معاوية بن أبي سفيان (رضي) الشهيرة لمزاجه بارد ولا يمكن لأحد أن يجعله غاضبا وهكذا ، شخص واحد ادعى أنه سيجعله غاضبة ذهب اليه (معاوية) ، وقال :' أود أن أطلب منكم أن يتزوج أمك لي لأنها كبيرة المهبل تذوق الحلو ". فأجاب معاوية بن أبي سفيان،' وهذا هو السبب والدي يحبها. معاوية بن أبي سفيان ثم أمر له امينا للصندوق لاعطائه 1000 النقود بحيث انه قد يشتري لنفسه فتاة الرقيق
"Muawiyah (ra) was famous for his cool temperament and no one could make him angry. Thus, one person claimed that he would make him angry. He went to him (Muawiyah) and said: ‘I would like to ask you to marry your mother to me because she had a large sweet tasting vagina.’ Muawiyah replied, 'That is why my father loved her'. Muawiyah then ordered his treasurer to give him 1000 coins so that he might buy a slave girl for himself”
. Rawudh al-Akhbar al-Muntakhab min Rabee al-Abrar, pages 220-221
6-सहाबी अमरू बिन आस ने जान बचाने के किये अपने चूतड पेश कर दिए
एक बार अली ने अमरू बिन आस पर हमला किया और उस पर भाला फेका ,जो नीचे गिर गया .अमरु जमीन पर गिर गया और अली के सामने अपने चूतड (anus )कर दिया .अली वापस लौट गए .लोग बोले यह अमरू बिन आस है .अली ने कहा जब इसने अपने चूतड(anus ) मुझे दिखाया तो मुझे रहम आ गया .जब अमरू बिन आस मुआविया के पास गया तो मुआविया ने कहा तुम अल्लाह के साथ अपने चूतड (anus )की भी तारीफ़ करो ,जिसके कारण जान बच गयी .
( लोगों ने अपने धर्म ईमान के किये सब कुछ त्याग कर दिया ,लेकिन मुसलमान सिर्फ अपनी anus के सहारे जान बचा लेते है .और इसके लिए अल्लाह के साथ anus की तारीफ तरते हैं , इसीको ईमान कहते हैं .
Sahabi Amro bin al-Aas offered his buttocks to his enemy in order to save his life
سقط عمرو يوم واحد هاجم علي عمرو بن العاص، وقال انه رمى الرمح وعمرو سقط على الأرض ، على الأرض ، وأنه يتعرض له ثم الأرداف. [قال شخص] ثم تحولت بعيدا علي وجهه : "كان هذا عمرو بن العاص". ردت علي : "لقد أراني شرجه، وهذا جعلني رحيم له. وقال معاوية بن عمرو العاص عندما عاد : "يجب بحمد الله والشرج الخاص'
One day Ali attacked Amro bin al-Aas, he threw a spear and Amro fell to the ground, Amro fell to the ground and he then exposed his buttocks. Ali then turned away his face, [people said]: 'This was Amro bin Aas'. Ali replied: 'He showed me his anus and this made me merciful to him'. When Amro ibn Aas returned, Mu'awiya said: 'You should praise Allah and your anus'
We read in Al-Bidayah wa al-Nihayah, Volume 7 page 293:



इतना पढ़ने बाद आपको पता चल गया होगा कि जब आतंकवादी इतने गुनाह करते हैं ,तो मुल्ले मौलवी ,या मुसलमान उसका विरोध क्यों नहीं करते .क्योंकि बड़े से बड़ा पाप करने पर भी मुसलमानों का इमान ज्यों का त्यों बना रहता है .उनको अपने किये पर कोई पश्चाताप क्यों नहीं होता . आप ही फैसला करिए कि,बाप कि हत्या कर के माँ से शादी करने ,बाप की खोपड़ी में शराब पीने ,खलीफा की माँ की योनी की तारीफ़ करने ,जूतों की इबादत करने और अल्लाह से साथ अपनी anus की हम्द करने पर भी मुसलमानों का इमान बना रहता है ,लेकिन अपने देश की तारीफ में "वन्दे मातरम "कहने से इमान खतरे में क्यों पड़ जाता है ?क्या मुस्लिन ब्लोगर इसका उचित जवाब दे सकते हैं ?
अब आगे से मुसलमानों के इमान पर भरोसा कभी न करें !
http://www.answering-ansar.org/wahabis/en/chap14.php



दिग्विजय सिंह गद्दारों का वंशज :ह्त्या का आरोपी !!

मनुष्य को जैसे संस्कार अपने पुरखों से मिलते हैं ,उसके अनुरूप ही उसका स्वभाव ,चरित्र और विचार बन जाते हैं .यह एक निर्विवाद सत्य है .और दिग्विजय के ऊपर पूरी तरह से लागू होती है .दिग्विजय खुद को प्रथ्वी राज चौहान का वंशज बताता है .लेकिन इसका कोई प्रमाण नहीं मिलता है .दिग्विजय क्षत्रिओं की एक उपजाति "खीची "से सम्बंधित है .इसका विवरण "खीची इतिहास संग्रह "में मिलता है .इसके लेखक A .H .Nizami और G .S .Khichi है .पुस्तक का संपादन R .P .Purohit ने किया है .किताब "खिची शोध संस्थान जोधपुर "से प्रकाशित हुई थी .एक और पुस्तक "Survay of khichii History "में खीचियों के बारे में जानकारी मिलती है .खिची धन लेकर किसी राजा के लिए युद्ध करते थे .आज दिग्विजय खुद को मध्य प्रदेश में गुना जिला के एक छोटी सी रियासत "राघोगढ़ "का राजा कहता है .उसके चमचे उसे दिग्गी राजा पुकारते है .
1 -दिग्विजय का पूर्वज कौन था
पुस्तक के अनुसार दिग्विजय के हाथों जो रियासत मिली एक "गरीब दास "नामके सैनिक को अकबर ने दी थी .जब राजपुताना और मालवा के सभी क्षत्रिय राणा प्रताप के साथ हो रहे थे .गरीब दास अकबर के पास चला गया .अकबर ने उसकी सेवा से प्रसन्न होकर मालवा के सूबेदार को हुक्म भेजा की गरीब दास को एक परगना यानि पांच गाँव दे दिए जाएँ . गरीब दास की मौत के बाद उसके पुत्र "बलवंत सिंह (1770 -1797 ) ने इसवी 1777 में बसंत पंचमी के दिन एक गढ़ी की नींव रखी और उसका नाम अपने कुल देवता "राघोजी "के नाम पर "राघोगढ़ "रख दिया था
कर्नल टाड के इतिहास के अनुसार बलवंत सिंह ने 1797 तक राज किया .और अंगरेजों से दोस्ती बढ़ाई.जब सन 1778 में प्रथम मराठा युद्ध हुआ तो बलवंत सिंह ने अंगरेजी फ़ौज की मदद की थी। इसका उल्लेख जनरल Gadred ने "Section from State Papers .Maratha Volume I Page 204 में किया है .बलवंत सिंह की इस सेवा के बदले कम्पनी सरकार ने Captain fielding की तरफ से बलदेव सिंह को पत्र भेजा ,जिसमे लिखा था कंपनी बहादुर की तरफ से यह परगना जो बालामेटमें है उसका किला राघोगढ़ तुम्हें प्रदान किया जाता है और उसके साथ के गावों को अपना राज्य समझो .यदि सिंधिया सरकार किसी प्रकार का दखल करे तो इसकी सूचना मुझे दो ..
बाद में जब 1818 में बलवंत सिंह का नाती अजीत सिंह (1818 -1857 )गद्दी पर बैठा तो अंगरेजों के प्रति विद्रोह होने लगे था ,अजीत सिंह ने ग्वालियर के रेजिडेंट को पत्र भेजा कि,आजकल महाराज सिंधिया बगावत की तय्यारी कर रहे हैं .उनके साथ झाँसी और दूसरी रियासत के राजा भी बगावत का झंडा खड़ा कर रहे हैं .इसलिए इन बागियों को सजा देने के लिए जल्दी से अंगरेजी फ़ौज भेजिए ,उस पत्र का जवाब गवालियर के रेजिडेंट A .Sepoyrs ने इस तरह दिया "आप कंपनी की फ़ौज की मदद करो और बागियों साथ नहीं दो .आप हमारे दोस्त हो ,अगर सिंधिया फ़ौज येतो उस से युद्ध करो .कंपनी की फ़ौज निकल चुकी है .
लेकिन सन 1856 में एक दुर्घटना में अजीत सिघ की मौत हो गयी .उसके बाद 1857 में उसका लड़का "जय मंगल सिंह "(1857 -1900 )गद्दी पर बैठा इसके बाद "विक्रमजीत सिंह राजा बना (1900 -1902 (.लेकिन अंग्रेज किसी कारण से उस से नाराज हो गए .और उसे गद्दी से उतार सिरोंज परिवार के एक युवक "मदरूप सिंह "को राजा बना दिया जिसका नाम "बहादुर सिंह "रख दिया गया ( 1902 -1945 )अंगरेजों की इस मेहरबानी के लिए बहादुर सिंह ने अंगरेजी सरकार का धन्यवाद दिया और कहा मैं वाइसराय का आभारी हूँ .मैं वादा करता हूँ कि सरकार का वफादार रहूँगा .मेरी यही इच्छा है कि अंगरेजी सरकार के लिए लड़ते हुए ही मेरी जान निकल जाये.
इसी अंगरेज भक्त गद्दार का लड़का "बलभद्र सिंह "हुआ जो दिग्विजय का बाप है .बलभद्र का जन्म 1914 में हुआ था और इसके बेटे दिग्विजय का जन्म 28 फरवरी 1947 को इन्दौर में हुआ था .
बलभद्र सिंह ने मध्य भारत (पूर्व मध्य प्रदेश )की विधान सभा का चुनाव हिन्दू महा सभा की सिट से लड़ा था .और कांग्रेस के उम्मीदवार जादव को हराया था .सन 1969 में दिग्विजय ने भी नगर पालिका चुनाव कांग्रेस के विरुद्ध लड़ा था .और जीत कर अध्यक्ष बन गया था .
लेकिन इमरजेंसी के दौरान गिरफ्तारी से बचने लिए जब दिग्विजय अपने समाधी "अर्जुन सिघ "के पास गया तो उसने कांग्रस में आने की सलाह दी .और कहा यदि जागीर बचाना है तो कांग्रेस में आ जाओ .
इस तरह दिग्विजय का पूरा वंश अवसरवाद ,खुशामद खोरी .और अंगरेजों सेवा करने लगा है
इसी कारण से जब दिग्विजय उज्जैन गया था तो वहां के भाजयुमो के अध्यक्ष "धनञ्जय शर्मा "ने सबके सामने गद्दार करार दिया था .ओर सबूत के लिए एक सी डी बी पत्रकारों को बांटी थी (पत्रिका शुक्रवार 22 जुलाई 2011 भोपाल )
2 -दिग्विजय ने कांग्रेसी नेत्री की हत्या करवायी !
अभी तक अधिकांश लोग इस बात का रहस्य नहीं समझ पा रहे थे कि दिग्विजय R .S .S और हिदुओं से क्यों चिढ़ता है .अभी अभी इसका कारण पता चला है .यद्यपि यह घटना पुरानी है .इसके अनुसार 14 फरवरी 1997 को रत के करीब 11 बजे दिग्विजय उसके भी लक्ष्मण सिंह और कुछ दुसरे लोगों ने "सरला मिश्रा "नामकी एक कांग्रेसी नेत्री की कोई ज्वलन शील पदार्थ डाल कर हत्या कर दी थी .और महिला को उसी हालत में जलता छोड़कर भाग गए थे .इतने समय के बाद यह मामला समाज सेवी और बी जे पी के पूर्व पार्षद महेश गर्ग ने फिर अदालत में पहुंचा दिया है और सी .जे .एम् श्री आर .जी सिंह के समक्ष ,दिग्विजय सिंह ,उसके भाई लक्षमण सिंह ,तत्कालीन टी आई एस.एम् जैदी ,नायब तहसीलदार आर .के.तोमर ,तहसीलदार डी.के. सत्पथी ,डा .योगीराज शर्मा .ऍफ़.एस.एल के यूनिट प्रभारी हर्ष शर्मा और नौकर सुभाष के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 ,201 .212 ,218 ,120 बी ,और 461 अधीन मामला दर्ज करने के आदेश देने के लिए आवेदन कर दिया है .फरियादी महेश गर्ग ने धारा 156 .3 यह भी निवेदन भी किया है कि उक्त सभी आरोपियों के विरुद्ध जल्दी कार्यवाही कि जाये .इसपर सी. जे. एम् महोदय ने सुनवाई की तारीख 28 जुलाई तय कर दी है .यही कारण है कि दिग्विजय सभी हिन्दुओं का गालियाँ देता है (दैनिक जागरण 23 जुलाई 2011 भोपाल )
हम सब जानते है कि आपसी विवाह सम्बन्ध करते समय परिवार का खानदान देखा जाता है .नियोजक किसी को नौकरी देते समय आवेदक की पारिवारिक पृष्ठभूमि देख लेते है .यहांतक जानवरों की भी नस्ल देखी जाती है .
फिर गद्दारों की संतान गद्दार देश भक्त कैसे हो सकते हैं .विदेशी अंगरेजों के चमचे विदेशी सोनिया चमचागिरी क्यों न करेगा .ऐसा व्यक्ति कुत्ते से भी बदतर है ,कुत्ता अपनो को नहीं काटता है .इसने तो कांग्रेसी महिला नेत्री की निर्दयता पूर्वक हत्या करा दी .
http://uqconnect.net/~zzhsoszy/ips/r/raghogarh.html



मुसलमान कुरान की इज्जत करते हैं ?

मुल्ले मौलवी मुसलमानों को यही सिखाते है कि दूसरों के धर्मग्रन्थ मनुष्यों ने बनाये हैं ,और कुरआन अल्लाह कि किताब है .हालांकि उनके पास इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है .फिरभी मुसलमान दूसरों क्र धर्मग्रंथों कि निंदा करना अपना अधिकार मानते हैं ,लेकिन कुरआन पर उंगली उठाने पर दंगे और हंगामा कर देते है.और कहते हैं हम कुरान की इज्जत करते हैं ,कुरान का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते .
परन्तु मसलमानों के बड़े बड़े मुल्ले मौलवियों ने कुरान के बारे में जो लज्जाजनक फतवे दिए हैं ,उनको देख कर मुसलमानों को चुल्लू पर पानी में डूब कर मर जाना चाहए .यह लेख पढ़कर आपको पता चल जायेगा कि मुसलमान कुरान की कितनी इज्जत करते हैं .कुछ नमूने देखिये -
1-कुरान को पेशाब से लिख सकते हैं
it permissible to write the Qur'an with urine
A reputed scholar from this camp Allamah Hassan bin Mansoor Qadhi Khan unashamedly writes that:
"ليس هناك إثم إذا كنت أكتب القرآن مع الدم والبول أو على جلد حيوان ميت"
"There is no sin if you write the Qur'an with urine, blood or on the skin of a dead animal".
अल्लामा हसन बिन मंसूर काजी खान ने अपने फतवे में लिखा है "इसमे कोई गुनाह नहीं है अगर कुरान को पेशाब से ,खून से या मरे हुए जानवरों की खाल पर लिखा जाए .
Fatawi Qazi Khan page 780 "Chapter al Khathur"
2-कुरआन की आयतें गर्भवती के पेट पर लगा दो
Quranic verses can be attached with woman’s womb
We read in a famed Deobandi work by Maulana Ashraf Ali Thanvi:
मौलाना अशरफ थानवी ने कहा अगर किसी औरत के गर्भ गिर जाने का डर हो ,या गर्भ नहीं ठहरता हो तो कुरान की आयतें उसके पेट पर बांध दो .इस से गर्भ सुरक्षित रहेगा और गर्भ गिरने का खतरा नहीं रहेगा
"إذا كان هناك خوف ​​من الإجهاض أو امرأة لا يتصور ثم ربط الآيات المذكورة أعلاه مع رحم امرأة. إن شاء الله سوف يكون في مأمن من الحمل ومن ثم تصور أنها سوف، وسوف لا اجهاض. "
“If there is fear of abortion or a woman doesn’t conceive then tie the above mentioned verses with the womb of woman. Inshallah the pregnancy will be safe and then she will conceive and will not miscarry. ”
Amaal e Qurani, page 12 published by Muktaba Rehmania, Lahore
3-प्रसव आसानी से कराने की विधि
method for an easy delivery of child
कष्टरहित प्रसव करने की विधि यह है कि कागज पर कुरान की आयतें लिख कर औरत की दायीं जांघ पर बांध दो .जब बच्चा हो जाये तो उस कागज को खोल कर औरते कुछ बालों साथ जला दो ,और उसका धुआं औरत के गुप्त अंगों में पंहुंचा दो .
كتابة هذه الآيات وربطها مع الفخذ الأيمن من امرأة لتسليم سهلة ، إن شاء الله سوف يصبح من السهل تسليم جدا ولكن بعد الولادة وينبغي فتح المدلاة، وينبغي أن أحرق بعض الشعر من نفس المرأة، وينبغي أن تنتقل من الدخان خاصة لها جزء "
“Write these verses and tie them with the right thigh of woman for easy delivery, Inshallah the delivery will become very easy but after delivery the locket should be opened and some hair of same woman should be burnt and the smoke should be passed from her private part”
Amaal e Qurani, pages 24-25 published by Muktaba Rehmania, Lahore
4-सेक्स का आनंद बढ़ाने के लिए कुरान पढो
use of Holy Name for drawing sexual pleasure
सम्भोग से समय कुरान की आयतें दुहराते रहो ,इस से औरत तुम्हें प्यार करेगी
"Keep reciting Al-Mughni during sex and woman will love you.”
"حافظ على قراءة المغني أثناء ممارسة الجنس والمرأة وسوف أحبك"
Amaal e Qurani, page 175 published by Muktaba Rehmania, Lahore
5-कुरान उमर से राय लेकर बनी थी
Quran was revealed according to the opinions of Umar
We read in Tareekh Khulfa, page 110:
तारीखे खुलफा में लिखा है ,एक मुजाहिद ने कहा है कि खलीफा उमर कुरान के बारे में जो भी विचार रखते थे वही कुरान में उतारा जाता था .और बाद में सब उसकी पुष्टि कर देते थे.
أخرج ابن مردويه عن مجاهد قال : كان عمر يرى الرأي فينزل به القرآن
Mujahid said: 'Umar used to hold a view and Quran would be revealed with (confirmation of) it'.
We also read:
इब्ने उमर ने कहा है ,जब लोग कुरान में एक बात लिखवाना चाहते थे ,और उमर दूसरी बात लिखवाना चाहते थे ,तो कुरान में वही लिखा जाता था जो उमर की मर्जी के अनुसार होता था .
أخرج عن ابن عمر مرفوعا : ما قال الناس في شيء و قال فيه عمر إلا جاء القرآن بنحو ما يقول عمر-
Ibn 'Umar said: 'When people said one thing and Umar said another, the Quran would be revealed with the like of what Umar said'



अब आपको पता चल गया होगा कि मुसलमान कुरान कि कितनी इज्जत करते हैं और कुरान का कैसा उपयोग करते हैं .हम सदा से कहते ए है कि मुसलमान दोगली नीति अपनाते है .हाथी कि तरह खाने दांत अलग दिखने के दांत अलग .इन्हें न कुरान से मतलब है नअपने अल्लाह और मुहम्मद से .इन्हें सिर्फ दंगा करने का बहाना चाहिए .अगर इनमे हिम्मत है तो पाकिस्तान में जाकर अपने उन आकाओं पर कोई कार्यवाही कर के दिखाएँ ,जिन्हों ने यह फतवे दिए ,या छापे हैं ,तभी हम समझेंगे कि ये लोग सच्चे मुसलमान है .
मुस्लिम ब्लोगर अच्छी तरह से समझ लें कि हम उनका कचरा उनके ऊपर ही फेक रहे हैं .इसका जवाब अपने मुल्लों से पूछें
अगर हमारे ऊपर उंगली उठाएंगे तो ऐसा ही जवाब मिलता रहेगा .हमारे पास सबूतों की कमी नहीं है .



इस्लाम का असली स्वरूप यही है !

विश्व में अनेकों ऐसे धर्म स्थापक ,विद्वान और वैज्ञानिक हुए हैं जिन्होंने अपने विचार और सिद्धांत सहज रूप से लोगों के सामने पास्तुत किये थे .और लोगों को उन को तर्क की कसौटी पर परखने की पूरी पूरी स्वतंत्रता दी थी .कि यह लोगों की इच्छा है ,कि उन विचारो को माने अथवा नहीं .लेकिन किसी भी धर्म स्थापक या वैज्ञानिक ने लोगों पर अपने विचारों को बल पूर्वक थोपने का प्रयत्न नहीं किया था .आज भी ऐसे महापुरुषों को मानने वाले करोड़ों लोग हैं .यद्यपि उन में अधिकांश वैज्ञानिक ईश्वर ,आत्मा और परलोक जैसी बातों पर विश्वास नहीं रखते थे .फिर भी लोगों की भलाई के लिए नए नए अविष्कार करते रहे .उन्हें न किसी खुदा का डर था ,न किसी जन्नत का लालच था .आज तक किसी ने उनका विरोध नहीं किया और न उन्होंने लोगों को अपना अनुयायी बनाने पर जोर डाला .
लेकिन अरब के शहर मदीना में पैदा हुए मुहम्मद नामके जाहिल ,अनपढ़ ,असभ्य ,क्रूर और अत्याचारी व्यक्ति ने खुद को अल्लाह का रसूल बताकर ,अपनी मूर्खता पूर्ण ,अवैज्ञानिक ,तर्कहीन और ऊलजलूल बातों को अल्लाह का आदेश बताकर लोगों उसे मानने पर विवश किया था .उसने लोगों के सामने दो ही विकल्प रखे थे कि .यातो वह उसकी पागलपन भरी बातों को मान कर मुसलमान बन जाये ,अथवा मरने को तैयार हो जाएँ .मुहमद ने यही किया था .
तब से लेकर आज तक मुहम्मद के अनुयायी नए नाम से नए नए आतंकी संगठन बना कर सरे विश्व में निर्दोष लोगों की हत्याएं कर रहे हैं .लेकिन अभी तक अल्लाह और मुहम्मद जैसे राक्षसों की लोगों के खून की प्यास नहीं बुझ रहीं है ,बल्कि और बढ़ रही है .
13 जुलाई को मुहम्मद के अनुयायी और उस दुष्ट अल्लाह के भक्त इंडियन मुहहिद और लश्करे तय्यबा द्वारा मारे गए सिर्फ यही तो अपराध था कि वह मुसलमान क्यों नहीं बने ,या उस जंगली किताब कुरान को स्वीकार क्यों नहीं करते .जिसमे हजारों मूर्खतापूर्ण बातें लिखी है .
हालांकि मैंने अब तक कुरान और हदीसों की सैकड़ों ऐसी मूर्खतापूर्ण ,तर्कहीन बातों का प्रमाण सहित खंडन किया है ,जिसे यदि कोई सामान्य व्यक्ति कहे तो उसे पागलखाने में भरती कर दिया जाता .लेकिन मुसलमान आतंक का सहारा लेकर अपने वही विचार लोगों पर थोपना चाहते हैं ,ताकि जो लोग सीधी तरह से मुसलमान नहीं होते ,वह लोग डर कर मुसलमान बन जाएँ .
मुसलमान लोगों को कैसा इस्लाम कबूल करने को कहते हैं उसकी कुछ नमूने दिए जा रहे है -
1-समय के अंतिम घंटे कब होंगे
अबू हुरैरा ने कहा कि रसूल ने कहा ,जब तक मैं दाउस कबीले की एक औरत के चूतड नहीं देख लेता ,जो "जि अल खलसा" मूर्ति के आसपास घूम रही है और जो इस्लाम से पहले उस कबीले की देवी थी .
Narrated Abu Huraira: Allah's Apostle said, "The Hour will not be established till the buttocks of the women of the tribe of Daus move while going round Dhi-al-Khalasa." Dhi-al-Khalasa was the idol of the Daus tribe which they used to worship in the Pre Islamic Period of ignorance.
Sahih Bukhari 9:88:232
2-अल्लाह ने पादना भी सिखाता है
मुहम्मद इब्ने जरीर अल तबरी ने अपनी तफसीर में कहा कि अल्लाह ने आदम को सब के नाम बताये और सब कुछ सिखाया जैसे नीचे से पादनाऔर धीमे से पादना .
And Allah taught Adam all the names as follows: He taught him the name of everything, down to fart and little fart.
Tabari I 267
3-नाड़ा लटका तो जमीन में धंसे
अब्दुल्लाह बिन उमर ने कहा कि रसूल ने कहा यदि कोई व्यक्ति अपना (Izar )नाड़ा जमीन पर लटका दे तो अचानक जमीन में धंसने लगेगा और अंतिम दिवस तक धंसता जायेगा .
Izar dragging causes Endless Descent
Narrated 'Abdullah bin 'Umar: Allah's Apostle said, "While a man was dragging his Izar on the ground (behind him), suddenly Allah made him sink into the earth and he will go on sinking into it till the Day of Resurrection."
Sahih Bukhari 7:72:681
4-रसूल को तीन पत्थर क्यों चाहिए
अब्दुल्लाह ने कहा कि टट्टी करने के बाद रसूल को अपनी गुदा घिसने के लिए तीन पत्थर चाहए थे दो पत्थर मिल गए ,मुझे तीसरा पत्थर नहीं मिला तो मैंने रसूल को सूखे गोबर का एक टुकड़ा दिया .रसूल ने दोनो पत्थर ले लिए और गोबर फेक कर कहा यह गन्दा है.
Searching for the meaning in life... and 3 Stones
Narrated Abdullah:
The Prophet went out to answer the call of nature and asked me to bring three stones. I found two stones and searched for the third but could not find it. So I took a dried piece of dung and brought it to him. He took the two stones and threw away the dung and said, "This is a filthy thing."
Sahih Bukhari 1:4:158
5-सम्भोग करने की दुआ
इब्ने अब्बास ने कहा कि ,रसूल ने कहा यदि कोई व्यक्ति अपनी पत्नी से सम्भोग करे तो "बिस्मिल्लाह "कहे और शैतान से बचने के लिए दुआ करे शैतान होने वाली संतान तक पहुँच जाता है .दुआ करने से वह नुकसान नहीं कर सकता.
Incantations while having sex
Narrated Ibn 'Abbas: The Prophet said, "If anyone of you, when having sexual relation with his wife, say:'In the name of Allah. O Allah! Protect us from Satan and prevent Satan from approaching our offspring you are going to give us,' and if he begets a child (as a result of that relation) Satan will not harm it."
Sahih Bukhari 4:54:493
6-इंशा अल्लाह कहकर जिहादी पैदा करो
अबू हुरैरा ने कहा ,रसूल ने कहा मैं उसकी कसम खा कर कह रहा हूँ ,जिसके हाथों में मेरी जानहै ,दाउद के पुत्र सुलेमान एक रात में सौ या 99 औरतों से सम्भोग करते थे ,ताकि होने वाले बच्चे शूरवीर और अल्लाह के जिहादी बनें ,लेकिन मैंने सम्भोग के समय "इंशा अल्लाह "नहीं बोला .जिस से जो बच्चे पैदा हुए वह आधे इन्सान थे और आधे पशु .
Say "Allah willing" during intercourse to give birth to Islamic militants
Narrated Abu Huraira: Allah's Apostle said, "Once Solomon, son of David said, '(By Allah) Tonight I will have sexual intercourse with one hundred (or ninety-nine) women each of whom will give birth to a knight who will fight in Allah's Cause.' On that a (i.e. if Allah wills) but he did not say, Allah willing.' Therefore only one of those women conceived and gave birth to a half-man. By Him in Whose Hands Muhammad's life is, if he had said, "Allah willing',

(he would have begotten sons) all of whom would have been knights striving in Allah's Cause."
Sahih Bukhari 4:52:74i
7-पशुमैथुन जायजहै समलैगिकता अपराध है
Zoophilia pardonable but not homosexuality
यदि कोई अविवाहित पुरुष किसी पुरुष के साथ गुदामैथुन करता है तो इसकी सजा मौत होगी .लेकिन पशुओं के साथ सभोग करने पर सजा का कोई विधान नहीं है
Abu Dawud 38:4448 prescribes the death sentence for an unmarried man who commits sodomy but there is no prescribed punishment for having sex with an animal:
Narrated Abdullah ibn Abbas: There is no prescribed punishment for one who has sexual intercourse with an animal.
अब्दुल्लाह इब्ने अब्बास ने कहा है कि पशुओं के साथ सम्भोग करने पर सजा का कोई विधान नहीं है
Abu Dawud 38:4450
8-मुहम्मद की माँ की योनि में प्रकाश
इस्लामी इतिहासकार अबू मुहम्मद अब्दुल मलिक बिन हिशाम ने मुहम्मद कि जीवनी में लिख है कि मुहम्मद की माता की आमना की योनी से प्रकाश निकलता रहता था .मुहम्मद के जन्म के समय आमना की योनी प्रकाश से भर गयी ,और प्रकाश योनी से निकल कर पूर्व से पश्चिम तक फ़ैल गया था ,यहांतक उसकी रोशनी सीरिया तक चली गयी थी .
Aminah and her Vagina Light
According to accepted sirat, Muhammad's mother had light coming out of her vagina when giving birth to him.
When the prophet came out of his mothers vagina, the light covered the east and the west which reached all the way to Sham (Syria today)
sirat ibn hisham 166
9-नंगे होकर अल्लाह से मिलो
Allah Wants to See You...Naked
इब्ने अब्बास ने कहा कि रसूल ने कहा है अल्लाह से मिलने के लिए हमें नंगे पैर ,नग्न होकर ,और अपने पैरों पर चल कर जाना होगा .और खतना रहित जाना होगा ( इसके लिए तीन हदीसें दी गयी हैं )
Narrated Ibn Abbas: The Prophet said, "You will meet Allah barefooted, naked, walking on feet, and uncircumcised."
Sahih Bukhari 8:76:531, See also Sahih Bukhari 8:76:532, Sahih Bukhari 8:76:533, and Sahih Bukhari 8:76:533
10-चूतड में झंडे गड़ेंगे
Flag fixed behind the buttocks"
अबू सईद ने कहा कि ,रसूल ने कहा जो भी व्यक्ति ईमान (इस्लाम )के विपरीत काम करेगा तो ,इंसाफ के दिन (क़यामत )ऐसे सभी लोगों की चूतड़ों में झंडे ठोक दिए जायेंगे ईमान तोड़ने की यही सजा होगी .
It is narrated on the authority of Abu Sa'id that the Messenger of Allah (may peace be upon him) said: On the Day of Judgment there will be a flag fixed behind the buttocks of every person guilty of the breach of faith.
Sahih Muslim 19:4309
11-कुत्ते की लाश से पानी शुद्ध
सईदुल खुदरी ने कहा एक बार लोगों ने रसूल से पूछा कि "बुदआह " नामके कुए में मासिक धर्म के गंदे कपडे और मरे कुत्ते औएऐसि ही गन्दी चीजें पड़े हैं क्या हम इस कुए के पानी से वुजू कर सकते हैं .रसूल ने कहा इस कुए का पानी बिलकुल शुद्ध है इसमे कोई अशुद्धि नहीं
Water mixed with Dead Dogs still clean
Narrated AbuSa'id al-Khudri: The people asked the Messenger of Allah (peace be upon him): Can we perform ablution out of the well of Buda'ah, which is a well into which menstrual clothes, dead dogs and stinking things were thrown? He replied: Water is pure and is not defiled by anything.
Sahih Muslim 1:66, See Also Sahih Muslim 1:67
12-रसूल के जूठे हाथ चाटो
इब्ने अब्बास ने कहा कि रसूल ने कहा खाने बाद जब तक मैं हाथों को नहीं चाट लेता ,हाथ नहीं धोया करता हूँ ,या किसी से हाथ चटवा लिया करता हूँ.
Could someone please lick my hands? Thank you
Narrated Ibn 'Abbas: The Prophet said, 'When you eat, do not wipe your hands till you have licked it, or had it licked by somebody else."
Sahih Bukhari 7:65:36
13-पादने की कला सीखो
The Art of dealing with a Fart
अली बिन अबूतालिब से रसूल ने कहा कि यदि तुम नमाज के दौरान पादों ,तो नमाज से अलग हो जाओ ,फिर वुजू करके दुबारा नमाज पढ़ा करो .
Narrated Ali ibn Talq: The Apostle of Allah (peace be upon him) said: When any of you breaks wind during the prayer, he should turn away and perform ablution and repeat the prayer.
Abu Dawud 1:205
इब्ने अब्बास इन तमीम ने कहा कि मेरे चाचा ने रसूल से पूछा ,यदि किसी व्यक्ति को लगे कि नमाज के दौरान उसकी पाद निकालने वाली है ,तो क्या करे .रसूल ने कहा उस व्यक्ति को तब तक नमाज नहीं छोड़ना चाहिए जब तक मैं पाद की आवाज नहीं सुन लूँ और उसकी बदबू न सूँघ लूँ
Narrated 'Abbas bin Tamim: My uncle asked Allah's Apostle about a person who imagined to have passed wind during the prayer. Allah' Apostle replied: "He should not leave his prayers unless he hears sound or smells something."
Sahih Bukhari 1:4:139



मैं इस लेख के अपने सभी पढ़ने वाले महानुभावों से निवेदन करता हूँ ,कि तनिक निष्पक्ष होकर निर्णय करें कि इतनी बकवास और वाहियात होने पर भी आप इस्लाम को धर्म का दर्जा दे सकने को राजी है ?मुझे बड़ा आश्चर्य होता है कि लोग इस इस्लाम की तुलना दूसरे धर्मों से तुलना करते है .लोग स्वीकार लयों नहीं करते की इसी इस्लाम ने दुनिया को तबाह कर दिया .और इसी मुर्खता भरी बातों को न मानने पर काफिर बता कर मार दिया जाता है .क्या मारे गए लोगों का यही कसूर था कि वह इसी जंगली इस्लाम को नहीं मानते ,जो असली झगड़े का कारण है.
सोचिये और लोगों को बताइए
http://wikiislam.net/wiki/Qur'an,_Hadith_and_Scholars:Islamic_Silliness



इस्लाम और सदाचार ?

यदि कोई निष्पक्ष ,बुद्धिमान और निर्भीक व्यक्ति इस लेख को ध्यान से पढ़ेगा ,तो यही कहेगा कि धिक्कार है ऐसे इस्लामी सदाचार पर लानत है ऐसे कुत्सित विचारों पर .!
क्योंकि दुनिया का शायद ही कोई दुर्गुण ,होगा जो इस्लाम और मुसलमानों में नहीं हो .और शायद ही कोई ऐसा पाप और अपराध हो जो मुसलमान नहीं करते हैं .क्योंकि उनके ग्रन्थ कुरान और हदीसों में इसकी शिक्षा दी गयी है .यह सभी दुर्गुण मुहम्मद की सुन्नत मने जाते हैं .और् शरीयत इनको जायज ठहराती है .फिर भी मुल्ले ,मौलवी ,इस्लाम के प्रचारक और मुस्लिम ब्लोगर सब मिलकर इस्लाम को सर्वश्रेष्ठ धर्म साबित करने में लगे रहते हैं .और लोगों को अपना धर्म छोड़कर इस्लाम जैसे जंगली मजहब को स्वीकार करने को प्रेरित करते रहते हैं .यह लोग मुहम्मद ,उसके परिवार के लोगों और साथियों को चरित्रवान और आदर्श बता कर उनकी तारीफों के पुल बांधते रहते हैं .फिर भी कुछ अज्ञानी लोग उनके जाल में फंस कर अपना जीवन बर्बाद कर लेते हैं .
यहाँ पर इस्लामी सदाचार ,इस्लामी उलेमाओं,खलीफाओं और मुहम्मद के साथियों के चरित्र के कुछ नमूने दिए जा रहे हैं ,जो प्रमाणिक इस्लामी साईट से लिए गए हैं .सबूत के लिए अंगरेजी अंश भी दिए गए है.अब फैसला पाठक खुद ही करें कि ऐसे इस्लाम पर धिक्कार करना और लानत करना उचित है कि नहीं ?
1-हस्तमैथुन करना जायज है .
"इस्लाम के एक प्रमुख इमाम" अहमद इब्ने हम्बल " ने कहा है कि यदि किसी व्यक्ति कि वासना इतनी भड़क गयी हो ,कि उसे शांत करने के लिए कोई औरत न मिले ,या कोई गुलाम स्त्री नहीं मिले ,या वह इतना कंगाल हो कि शादी न कर सके ,और या वह यात्रामे हो ,तो उसे हस्तमैथुन करने की अनुमति है .इमाम ने आगे यह भी कहा कि मुहम्मद के साथी जब भी किसी अभियान पर जाते थे तो ,हस्तमैथुन किया करते थे."
Masturbation is Halal
"If a man is torn between continued desire or releasing it, and if this man does not have a wife or he has a slave-girl but he does not marry, then if a man is overwhelmed by desire, and he fears that he will suffer because of this (someone like a prisoner, or a traveller, or a pauper), then it is permissible for him to masturbate, and Ahmad (ibn Hanbal) is explicit on this. Furthermore, it is narrated that the Companions of the Prophet (s) used to masturbate while they were on military expeditions or travelling".
Badai'alfawaid Ibn Qayyim.Page129
2-औरतें Dildo ( कृत्रिम लिंग )का प्रयोग करें
"अगर किसी औरत का पति न हो ,और उसकी वासना बेकाबू हो गयी हो तो वह अकरंबीज Akranbij (एक प्रकार की फली )पर चमडा इस प्रकार से लपेटे कि उसका आकार लिंग कि तरह हो जाये .फिर उसे अपनी योनी में घुसाकर वासना शांत कर ले ,या फिर ककड़ी (खीरा ) का भी प्रयोग कर सकती है ."
"इसी तरह पुरुष भी किसी तरबूज में छेद करके ,या चमड़े में छेद बना कर अथवा गुंधे हुए आटे में छेद बना कर उसमे लिंग घुसाकर सम्भोग कर सकते .यह उसी हालत में जायज है जब वह व्यक्ति कहीं यात्रा पर हो .हाथों से हस्तमैथुन करने से यह विधि अधिक आसान है "
Use of a Dildoe (female sex toys)
"If a woman does not have a husband, and her lust becomes strong, then some of our scholars say: It is permissible for the woman to take an akranbij, which is a piece of leather worked until it becomes shaped like a penis, and insert it in herself. She may also use a cucumber".
If a man makes a hole in a watermelon, or a piece of dough, or a leather skin, or a statue, and has sex with it, then this is the same as what we have said about other types of masturbation [i.e., that it is halaal in the same circumstances given before, such as being on a journey]. In fact, it is easier than masturbating with one's hand".
Badai'alfawaid Ibn Qayyim.Page129
3-औरतें अपने दाढी वाले पति को अपना दूध पिलायें
"सलहा बिन्त सुहैल बिन अम्र रसूल के पास गयी और बोली कि या रसूल मेरे करीब सलीम नामका एक गुलाम रहता है जिसे अबू हुजैफा ने आजाद कर दिया है ,अब वह वयस्क होगया है ,उसकी कुछ सेक्स संबधी समस्याएं है ,वह आपसे कुछ सलाह लेना चाहता है .रसूल ने कहा उसे अपनी औरत का स्तन चूसने को कहो .वहां मौजूद सहाबी ईब्ने अबू मुलैका ने कहा कि मैंने रसूल की इस हदीस को एक साल से अधिक तक किसी को नहीं बताया था ,लेकिन बाद में डर के मारे लोगों को बता दिया ,कि यह तरकीब आयशा ने ही रसूल को बतायी थी "
woman can suckle a Salafi man with a beard
Sahla bint Suhail b. 'Amr came to Allah's Apostle (may peace be upon him) and said: Messenger of Allah, Salim (the freed slave of Abu Hudhaifa) is living with us in our house, and he has attained (puberty) as men attain it and has acquired knowledge (of the sex problems) as men acquire, whereupon he said: Suckle him so that he may become unlawful (in regard to marriage) for you He (Ibn Abu Mulaika) said: I refrained from (narrating this hadith) for a year or so on account of fear. I then met al-Qasim and said to him: You narrated to me a hadith which I did not narrate (to anyone) afterwards. He said: What is that? I informed him, whereupon he said: Narrate it on my authority that 'A'isha (Allah be pleased with her) had narrated that to me.
Sahih Muslim Book8 Hadith Number 3426:
Imam Ibn Tamiyah as quoted by one of the revered scholars of Salafies Ibn Uthaimeen:
"शेखुल इस्लाम इब्ने तैय्यमा ने इस हदीस को चुना और इसकी व्याख्या करते हुए कहा कि मर्दों के लिए अपनी औरतों के स्तन चूसना जरुरी है.वह खुद भी ऐसा करते है .उन्होंने कहा इस से शादी स्थायी बनी रहती है "
واختار شيخ الإسلام ابن تيميه رحمه الله التفصيل وقال إذا دعت الحاجة إلى إرضاع الكبير وأرضع ثبت التحريم
"Sheikh ul-Islam ibn Taymia (may Allah's mercy be upon him) chosed to explain in details and said that if the breast suckling by an adult was necessary and he suckled, then the prohibition (of marriage) is established."
Fatawa Nur Ala Aldarb, Volume 10 page 204
4-मुसलमान अपनी माँ से सम्भोग कर सकते है
"यदि कोई व्यक्ति किसी ऐसी स्त्री से शादी कर लेता है जिस से शादी करना हराम ( वर्जित ) है जैसे कि माँ ,सगी बहिन ,पुत्री ,चाची आदि .और उस से सम्भोग भी कर लेता है .और इस कृत्य को स्वीकार भी कर लेता है .यद्यपि उसे पता है कि यह कार्य हराम है इमाम अबू हनीफा ऐसी शादी को जायज मानते हैं .और इस्लाम के अनुसार उस व्यक्ति को किसी भी सजा के योग्य नहीं माना जायेगा ."
Permissibility of Having Sex with One's Mother
if a person marries a mahram (mother, sister, daughter, aunt etc.) and has sexual intercourse with them and even admits the fact that he knew while performing the marital rites that it was Haraam for him to do that even then according to Imam Abu Hanifa, he is not subject to any type of Islamic penalty".
Allamah Hassan bin Mansoor Qadhi Khan writes in his book of fatwa, Volume 4, p. 820:and,p821
5-मुसलमान जिन्दा है ,गुदा ( Anus )में उंगली घुसा कर देखें
अबू फतह (एक सहाबी ) ने कहा कि एक बार मुझे एक लाश को देखने का मौका मिला .जब लाश मेरे सामने आयी तो मैंने देखते ही कह दिया कि यह व्यक्ति मृतक नहीं ,जीवित है .लोगों ने पूछा कि आप यह बात किस आधार पर कह रहे हैं .मैंने सच्चाई पर रोशनी डालने के लिए कहा कि जब कोई मुसलमान मर जाता है तो उसकी गुदा ( ANUS गा*) ठंडी हो जाती है.मैंने उंगली डालकर देखा तो वह व्यक्ति जिन्दा निकला ,फिर मौजूद सभी लोगों ने उस व्यक्ति की Anus में अपनी उंगलियाँ घुसाकर जाँच की और कहा सचमुच यह व्यक्ति जिन्दा है.
Death Ritual
Abu Fathah narrates 'On one occasion I had the opportunity to see a dead body and I said 'He is not dead but alive'. People asked 'How do you know?' I replied 'When a man dies his anus goes cold, and I have made this comment in light of this fact, verily he is alive'. Upon saying this all of those present placed their fingers in the body's anus and concluded he is not dead but is alive".
'Maqamath Badhaya al Zaman', page 26, Maqama 8, by Abu Fadhl Ahmad bin Husayn bin Yahya bin Saeed al Madani:
6-समलैंगिक भी खलीफा बन सकते हैं
"एक अगम्यगामी और समलैंगी भी मुसलमानों का खलीफा बन सकता है .यह बात इमाम जहबी ने पांचवे खलीफा "अब्दुल मलिक बिन मरवान"के एक खुतबे से दर्ज की है ,जिसमे उसने कहा था "मैं उस्मान की तरह डरपोक ,नहीं हूँ और मुआविया की तरह मक्कार नहीं हूँ ,और यजीद की तरह समलिंगी भी नहीं हूँ ( यह तीनों मुसलमानों के आदर्श खलीफा थे )
an incestuous homosexual but also a Khalifa
Imam Dhahabi records the following words from the sermon of Abdul Malik bin Marwan (5thCaliph646-705) in 'Tarkeeh Islam' Volume 1 page 634:
ولست بالخليفة المستضعف - يعني عثمان - ولا الخليفة المداهن - يعني معاوية - ولا الخليفة المأبون - يعني يزيد
"I am not weak like Uthman and I am not cunning like Mu'awiya and I am not a homosexual like Yazid"
7-अपनी पुत्री से भी सेक्स की बातें करें
खलीफा उमर अपनी पुत्री से अक्सर सेक्स के बारे में सवाल करते रहते थे .एक बार उसने अपनी बेटी से पूछा बताओ एक औरत सम्भोग के बिना कितने समय तक रह सकती है ,लड़की ने शर्मा कर नजरें झुका लीं ,तो उमर ने कहा अल्लाह के सामने सच कहने में कैसी शर्म .पुत्री ने इशारे से तीन महीने बताये .और कहा अधिकतम चार महीने तक .

Umar would ask questions pertaining to sex from his own daughter!
'I want to ask you about a matter which concerns me, dispel it for me. How long does a woman long for her husband?' She lowered her head and was shy. He said, 'Truly Allah is not shy of the truth'. She gestured her hand indicating three months, and if that was not possible then four months"
Tareekh ul Khulafa by Suyuti) page 142 that Umar went to his daughter…
8-गर्भ में लड़का है या लड़की
प्रसिद्द मुस्लिम विद्वान् "शेख कमालुद्दीन मुहम्मद बिन मूसा दमीरी "ने गर्भ में लड़का है ,या लड़की इसका पता करने का एक नायाब तरीका बताया है "औरत एक जूं Lice पकड कर मर्द की हथेली पर रखे ,फिर उस जूं पर अपने दूध की कुछ बूँदें डाल दे .जिस से जूं ढक जाए .यदि जूं दूध की बंद से बाहर निकल जाये तो लड़की होगी ,और यदि जूं बाहर निकलने में असफल हो जाये तो लड़का होगा .( यही है इस्लामी विज्ञानं )
method of knowing the gender of the unborn
"If a man wants to know whether it's a boy or a girl in the womb of a pregnant woman then a man should capture and place a lice over his palm and the pregnant woman shall take out a drop of her milk and put it there (means over the plam of the man where he had put the lice). Thus, if the lice is successful to come out of the drop of the milk then the gender is female but if it is unsuccessful to come out of the drop of milk then it's a male."
Shakyh Kamaluddin Muhammad bin Musa Damiri (742 - 808 H) in his esteemed work 'Hayat ul Hewan' Volume2page567
इस लेख में जो भी लिखा गया है ,उसमे एक भी शब्द मेरा नहीं है ,सब हवाले इस्लाम की प्रमाणित साईट से चुने गए हैं .और साईट देये गए सभी सन्दर्भों की मैंने खुद जाँच की है .
मेरा उन लोगों से अनुरोध है जो मुस्लिम ब्लोगरों के झूठे प्रचार से प्रभावित हो जाते हैं और इस्लाम की ऐसी गन्दगी अपने दिमाग में भर लेते हैं .क्या इस्लाम के वकील इसी अश्लील और निर्लज्जता की बातों के सहारे लोगों से इस्लाम की इज्जत करवाना चाहते हैं ? इस से अधिक ज्ञान तो कोठे वालियों को होता है .क्या इसी इस्लाम के लिए निर्दोष लोगों की हत्याएं की जा रहीं है .है कोई माई का लाल जो जवाब दे सके ?
तब तक आप अगले लेख की प्रतीक्षा करिए .
http://www.answering-ansar.org/answers/mutah/en/chap7.php



धिक्कार पच्चीसी !!

यह बात इतिहास से प्रमाणित है ,इस से सभी सहमत होंगे कि सभी मुसलमान स्वाभाविक रूप से आतंकवादी होते हैं .जिस दिन से उनके दुष्ट पुरखे भारत में आये थे ,तब से उनकी हराम की औलादें कोई न कोई आतंकवादी कार्यवाहियां करते आये हैं .उनका एक मात्र उद्देश्य निर्दोष हिन्दुओं की हत्याएं करना है ,चाहे उनके साथ एक दो मुसलमान भी क्यों मर जाएँ .इतिहास में शायद ही कोई साल ,या कोई स्थान बाकी होगा ,जहाँ मुसलमानों में किसी न किसी समय हत्याएं न की हों .
लेकिन आजादी के बाद 13 मार्च 2003 से मुसलमानों ने अनेकों आतंकी दल बनाकर निर्दोष हिन्दुओं की हत्या करने का जो सिलसिला शरू किया था ,वह अभी तक चल रहा है .उसी कड़ी में मुंबई पर किया गया इस्लामी आतंकी हमला भी है.इसमे विशेष बात यह है की यह हमला किसी विदेशी ,या पाकिस्तानी संगठन द्वारा नहीं ,बल्कि भारत में रहने वाले उन्हीं मुसलमानों ने किया है ,जिनको सरकार अपनी तुष्टिकरण की निति के कारण हिन्दुओं के टेक्सों से पाल रही है .सरकार मुसलमानों के प्रेम में इतनी अंधी हो गयी है ,कि उसने अपनी खतना ( Circunsission ) की जगह खस्सी ( Castration )तक करवा लिया है .इस खस्सी सरकार की नीतियों का दुष्परिणाम आज देश के लोग भोगने को विवश है .और आगे भी भोगते रहेंगे . और बिना किसी प्रतिशोध के चुपचाप मरने को अपनी नियति मान लिया है .ऊपर से देश पर एक ऐसी औरत हुमुमत कर रही है जिसका देश से कोई लगाव नहीं है .और हिन्दू द्वेष जग जाहिर है .
आप खुद देख लेना उसके टुकड़खोर फिर आतंकवादियों की वकालत के लिए निकल पड़ेंगे ,जैसे पिग विजय सिंह ने कहा कि लोगों को हमारा धन्यवाद देना चाहिए कि ,भारत में पाकिस्तान से कम ब्लास्ट होते हैं .और कई महीनो बाद एक घटना हुई है .इतनी अधिक आबादी वाले देश में एक दो ऐसी घटना कोई महत्त्व नहीं रखती है .
इसके बाद जांच बिठाई जाएगी ,कुछ अपराधियों को भगा दिया जायेगा ,और यदि कोई पकड़ा भी जायेगा तो ,उनको आदर पूर्वक सर्व सुविधा युक्त जेल नामके महल में सुरक्षित रख दिया जायेगा .जिसका खर्चा मुसलमानों द्वारा मारे गए हिन्दुओं के परिवार वालों से टेक्स के रूप से वसूला जायेगा .फिर लोगों को शांति ,धैर्य और आपसी सौहार्द के भाषण पिलाये जायेंगे .टी.वी.वाले T .R .P .बढाने के लिए नेताओं की निरर्थक बकवास प्रसारित करेंगे .और लोगों के हौसले की तारीफ करेंगे .और फिर मरने को तैयार करेंगे .मुल्ले मौलवी गायब हो जायेंगे और अपने लोगों की बहादुरी के कारनामों का मस्जिदों में छुप कर बखान करेंगे .और खुल कर कहेंगे "इस्लाम शांति का धर्म है "
कुछ नेता इस घटना का धिक्कार करके ही अपने कर्तव्य की इति श्री कर देंगे .और देश को लूटने में लग जायेंगे
लेकिन हम सिर्फ मुस्लिम आतंकवादियों को ही धिक्कार करना काफी नहीं समझते ,बल्कि कुछ और भी हैं ,जिन पर एक की जगह सौ सौ धिक्कार करने लायक मानते हैं .जो इस "धिक्कार पच्चीसी "में दिए गए हैं -

अथ धिक्कार पच्चीसी -

1 -धिक्कार उन लोगों पर जो 13 जुलाई के मुंबई पर आतंकी हमले को सिर्फ मुम्बई और महाराष्ट्र पर हमला मानते हैं ,लेकिन इसे इस्लामी आतंकवादिओं का भारत पर किया गया हमला मानने से इनकार करते हैं .उन पर सौ बार धिक्कार !
2 -धिक्कार उन लोगों पर जिनका इस आतंकी हमले से खून नहीं खौल रहा हो ,लेकिन जो लोग इस्लामी आतंकियों से प्रतिशोध लेने को तय्यार न हो रहे हों .उन पर सौ बार धिक्कार !
3 -धिक्कार उन लोगों पर जो कहते हैं कि,आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता .लेकिन इस बात को नहीं मानते कि सिर्फ मुसलमान ही आतंकवादी होते हैं .उन पर सौ बार धिक्कार !
4 -धिक्कार उन लोगों पर जो कहते हैं कि ,इस्लाम का अर्थ शांति होता है .लेकिन यह नहीं मानते कि वास्तव में इस्लाम का तात्पर्य आतंक ही होता है .उन लोगों पर सौ बार धिक्कार !
5 -धिक्कार उन लोगों पर जो कहते हैं ,हरेक मुसलमान आतंकवादी नहीं होता .लेकिन इस बात से इंकार करते है कि हरेक आतंकवादी मुसलमान ही होता है .उन लोगों पर सौ बार धिक्कार !
6 -धिक्कार उन लोगों पर जो कहते हैं कि भारत के अधिकाँश मुसलमान देशभक्त हैं ,लेकिन इस बात को नहीं मानते कि सभी मुसलमान भारत पर इस्लामी राज बनाना चाहते हैं .उन पर सौ बार धिक्कार !
7 -धिक्कार उन लोगों पर जो कहते है कि मदरसों में बच्चों को इंसानियत का सबक पढाया जाता है ,लेकिन इस बात को कबूल नहीं करते कि मदरसे आतंक के कारखाने हैं .उन पर सौ बार धिक्कार !
8 -धिक्कार उन लोगों पर जो आतंकवाद का कारण गरीबी और अशिक्षा को बताते हैं ,लेकिन यह बात नहीं मानते कि मुसलमान पढ़ कर और संपन्न होकर अधिक आतंकी बन जाते हैं .उन पर सौ बार धिक्कार !
9 -धिक्कार उन लोगों पर जो मुसलमानों के साथ दोस्ती और भाई चारे की वकालत करते हैं ,लेकिन इस सत्य को स्वीकार नहीं करते कि सभी मुसलमान स्वभाव से अलगाववादी होते है ,और गैर मुस्लिमों को अपना शत्रु मानते है .उन पर सौ बार धिक्कार !
10 -धिक्कार उन लोगों पर जो किसी भी आतंकी घटना के लिए बाहरी ताकत का हाथ बताते हैं ,लेकिन देश में बैठे मुसलमानों पर उंगली उठाने से भी डरते है.उन पर सौ बार धिक्कार !
11 -धिक्कार उन लोगों पर जो वर्त्तमान हिजड़ा सरकार के झूठे आश्वासन के भरोसे खुद को सुरक्षित समझ लेते हैं .और खुद दुश्मनों का सफाया खुद नहीं करते ,जबकि जानते हैं कि यही सरकार आतंकवादियों की हिमायती है .उन लोगों की बुद्धि पर सौ बार धिक्कार !
12 -धिक्कार उन हिन्दू उपदेशकों पर जो श्रोताओं को भजन सुना सुना कर मूर्छित कर देते हैं और निकम्मा बना देते हैं ,लेकिन सशश्त्र होने और शत्रु का विनाश करने की शिक्षा नहीं देते .उन पर सौ बार धिक्कार !
13 -धिक्कार उन भक्तों पर जो भगवान को खुश करने के लिए अपने काले धन से देवता की मूर्ति को सोने चांदी के ढेर में दफना देते हैं और इसे ही धर्म समझते है ,लेकिन यह नहीं समझाते कि इतने धन से भारत सेना जैसी तीन सेनाएं बन सकती हैं .जो दो दिन में इस्लामी आताकियों का विनाश कर सकती हैं .उन पर सौ बार धिक्कार !
14 -धिक्कार उन मीडिया वालों पर जो खुद को निष्पक्ष और धर्म निरपेक्ष साबित करनेके लिए खुले आम हिन्दू आतंकवाद शब्द का प्रयोग करते हैं ,लेकिन इस्लामी आतंकवाद शब्द का प्रयोग करने में उन्हें लकवा मार जाता है .उन पर सौ बार धिक्कार !
15 -धिक्कार उन बुद्धि जीवियों पर जो ,एक दो मुसलमान देश भक्तों का उदहारण देकर सभी मुसलमानों को देशभक्त साबित करने में अपनी बुद्धि का गोबर कर देते है .लेकिन करोड़ों मुसलमान आतंकियों के कुकर्मो पर पर्दा डाल देते है .उन पर सौ बार धिक्कार !
16 -धिक्कार उन साहित्यकारों पर जो उर्दू को हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक मानते हैं और बड़े शौक से मुशायरे में जाते है .लेकिन नहीं जानते कि उर्दू के कारण ही देश का बटवारा हुआ था .उन पर सौ बार धिक्कार !
17 -धिक्कार उन हिन्दू युवा वैज्ञानिकों पर जो विलासिता और सुख सुविधा की चीजें तो बना सकते हैं ,लेकिन इस्लामी आतंक का जवाब देने के लिए किसी चीज का निर्माण नहीं कर सकते .उन पर सौ बार धिक्कार
18 -धिक्कार उन कवियों पर जो श्रृंगार रस की कविताओं से लोगों की वाहवाही लूटते है और लोगों की वासना भडकाते रहते हैं ,लेकिन वीर रस से लोगों में शत्रुओं के प्रति आक्रोश पैदा नहीं करते .उन पर सौ बार धिक्कार
19 -धिक्कार उन वोटों के लालची नेताओं पर जो ,सोचते है कि मुसलमानों के वोटों से उनको अखंड राज मिल जायेगा ,लेकिन वह नहीं जानते कि एक दिन यही मुसलमान उनको गुलाम बना लेंगे .उन पर सौ बार धिक्कार
20 -धिक्कार उन हिन्दू युवकों और युवतियों पर जो सलमान ,आमिर ,शाहरुख जैसे खान नामके नीचों को अपना आदर्श मानकर उनकी तारीफ़ के पागल हो जाते है ,लेकिन यह नहीं जानते कि मुसलमान लडके उन्ही कि नक़ल करके हिन्दू लड़कियों को फस लेते है .और फिर उन लड़कियों से आतंकी काम करवाते है .जो मुसलमानों से दोस्ती करता है ,उस पर सौ बार धिक्कार
21 -धिक्कार उन संगीत प्रेमियों पर जो बिना समझे सूफी संगीत की धुन और उसके निरर्थक शब्दों पर सांप की तरह डोलने लगते है ,लेकिन नहीं जानते सूफी शब्द का अर्थ मुर्ख होता है .इसकी इजाद भक्ति संगीत को प्रदूषित करने के लिए की गयी थी .फिर भी जो सूफी गाना सुने तो उस पर सौ बार धिक्कार !
22 -धिक्कार उन गाँठ के पूरे और आँख के अंधे हिन्दू अंधविश्वासियों पर जो ,दरगाहों ,मजारों पर सर झुकाते है और चढ़ावा चढाते है .और समझते हैं कि ऐसा करने पर उनकी मुरादें पूरी हो जाएँगी ,क्या वह समझते है कि उनके देवी देवता बूढ़े हो गए हैं या रिटायर्ड हो गए है ,लेकिन यह मुर्ख नहीं जानते कि उन्हीं के चढ़ाये गए धन से आतंकी हथियार खरीदते है और बम बनाते हैं ,जिसका उन्हीं के भाइयों को मारने के लिए प्रयोग किया जाता है दरगाहें वेश्यावृति के अड्डे है.जो नहीं मानता है ,उस पर सौ बार धिक्कार !
23 -धिक्कार उन वकीलों पर जो मुस्लिम आतंकवादियों का केस लड़ने के लिए फ़ौरन राजी हो जाते हैं जबकि जानते हैं कि यह देश का अपराधी है ,लेकिन किसी निर्दोष हिन्दू का केस लड़ने में आनाकानी करते हैं .उन पर सौ बार धिक्कार !
24 -धिक्कार उन पुलिस वालों पर जो किसी भी साधारण से अपराध के आरोप में किसी को भी मार मार कर हत्या तक कर देते हैं ,लेकिन यदि कोई कुख्यात मुस्लिम आतंकवादी होता है तो ,उसे बिना हाथ लगाये आदर से थाने सारी सुविधाएँ उपलब्ध करा देते हैं .ऐसे पुलिस वालों पर सौ बार धिक्कार !
25 -धिक्कार उन लोगों पर जो ,इस धिक्कार पच्चीसी को पढ़कर इसे गंभीरता से नहीं लेते ,और इसे एक अनर्गल प्रलाप मान कर छोड़ देते हैं ,लेकिन जो इसे गंभीरता से पढ़कर समझने बाद भी इसे लोगों तक नहीं पहुंचाएगा ,तो उस पर सौ बार धिक्कार !

-धिक्कार पच्चीसी असमाप्त -

नोट -यह धिक्कार पच्चीसी कभी समाप्त नहीं हो सकती है ,जब तक इस्लाम ,इस्लामी आतंक और मुसलमान इस देश में रहेंगे तब तक .हमारे प्रबुद्ध पाठक चाहें तो धिक्कार चालीसा ,या धिक्कार सतसई भी बना सकते है .
आप की जानकारी के लिए अब तक इस्लामी आतंकवादी घटनाओं की सूची दी जा रही है -
http://en.wikipedia.org/wiki/Chronology_of_major_terrorist_incidents_in_India



मुहम्मदगीरी: इस्लामी दादागीरी !!

मुसलमानों की आदत है कि वे दूसरों के धर्मग्रंथों और महा पुरुषों को अपमानित करते रहते हैं .कभी उनके ग्रंथों में कमियाँ निकल कर उनको नीचा दिखाते हैं .और कभी उनके अश्लील चित्र बना कर उनकी निंदा करते है .फिर बाक़ी मुसलमान इसे अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बताके अपना संवैधानिक अधिकार बता कर दादागीरी करते है .लेकिन जब कोई मुहम्मद का कार्टून बनाता है ,या इस्लाम के बारे में कुछ कहता ,या लिखता है ,तो मुसलमान दंगा फसाद पर उतारू हो जाते हैं .वैसे लोगों को धोखा देने के लिए खुद को शांतिप्रिय और सहिष्णु बताते हैं .
मुहम्मद भी इसी तरह की दोहरी नीति अपनाता था .वह लोगों को गुमराह करने ,और अपने जल में फांसने के लिए शांत और सहिष्णु होने का ढोंग करता था .लेकिन वह वास्तव में अय्तंत उग्र ,क्रूर ,हिंसक ,और बात बात पर भड़कने वाला व्यक्ति था .वह खुद को अल्लाह से भी बड़ा मानता था .और अपने विरुद्ध बोलने वालों को क़त्ल करा देता था यही बात एक फारसी कविने कही है " باخدا دیوانه بشد با محمّد هوشیار "यानी अल्लाह के बारे में कुछ भी बको ,लेकिन मुहम्मद के बारे में सावधान रहो "बा खुदा दीवाना बाशद,बा मुहम्मद होशियार "इसी को मुहम्मदगीरी कहा जाता है .इसके कुछ नमूने कुरान और हदीसों से दिए जा रहे हैं -
1 -शराफत का ढोंग
"रहमान के सच्चे बन्दे तो वही हैं जो ,जमीन पर नम्रतापूर्वक चलते हैं ,और यदि कोई अज्ञानी असका अपमान करता है ,तो वे उस से कहते हैं कि तुम पर सलाम हो .सूरा -अल फुरकान 25 :63 .
"हम तो अल्लाह के सभी रसूलों में कोई अंतर नहीं मानते .सूरा बकरा 2 :285 .
2 -लोग मुहम्मद का मजाक उड़ाते थे
"लोग नबी का मजाक उड़ाते हैं ,और कहते हैं कि यह तो निरा "कान (उज्न)है .(कान का कच्चा )है .और रसूल को दुःख देते हैं .
सूरा -तौबा 9 :61
"लोग यह भी मजाक करते हैं कि ,यह कुरआन दौनों शहरों में से किसी भी प्रतिष्ठित व्यक्ति के ऊपर क्यों नहीं उतरा.सूरा जुखुरुफ़ 43 :31
"यह लोग कहते हैं कि ,कोई दूसरा कुरान बनाओ ,या इसकी आयतें बदल दो .सूरा -यूनुस 10 :15
3 -मुहम्मद इज्जत का भूखा
"हे ईमान वालो रसूल को राईना नहीं कहो बल्कि ,उनको उन्ज़ुरना कहो .सूरा -बकरा 2 :104
(नोट अरबी में انظرنا उन्ज़ुरना का अर्थ है मुझे देखिये .और راعنا राईना का רָעיִנָहिब्रू में अर्थ है मेरा चरवाहा.)
4 -मुहम्मद भेद खुलने से डरता था
"तुम छानबीन करते रहो ,और देखते रहो कि कोई रसूल की चुगली तो नहीं कर रहा है .कहीं ऐसा न हो कि पछताना पड़े सूरा -हुजुरात 49 :6
5 -मुहम्मद का पक्षपाती स्वभाव
"मुहम्मद अल्लाह के ऐसे रसूल हैं ,जो काफिरों के प्रति कठोर ,और अपने लोगों के प्रति दयालु हैं ".सूरा -अल फतह 48 :29
"यह तो अल्लाह का एहसान है कि ,उसने अपने लोगों में से एक को रसूल उठा दिया "सूरा -आले इमरान 3 :164
6 -मुहम्मद दुनिया में क्यों आया
"मैं अभी काफिरों के दिलों में भय पैदा करता हूँ ,तुम उनकी गर्दने काटते रहो "सूरा -अनफाल 8 :12
"लोग डर के मारे दल के दल बनाकर इस्लाम में दाखिल होने लगेंगे "सूरा -नस्र 110 :2
7 -मुहम्मद अल्लाह पर आरोप लगाता था
"हे मुहम्मद तुमने अबतक किसी को क़त्ल नहीं किया ,बल्कि उन लोगों को अलह ने क़त्ल किया है ,ताकि वह काफिरों को उनके किये की सजा का मजा चखा सके ,तुम तो निर्दोष हो
"सूरा -अनफाल 8: 17
8 -मुहम्मद अपनी चुगली से भड़कता था
"जो हमारा मजाक उडाएगा या हमारी चुगली करेगा ,हम उसकी नाक को गर्म लोहे से दाग देंगे "सूरा -अल कलम 68 :16
"जो रसूल को किसी भी तरह का दुःख देते हैं ,उनके लिए इस दुनिया में सजा ,और आखिरत में लानत है "सूर -अहजाब 33 :57
9 -रसूल की तारीफ़ करो
"अबू हुरैरा ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि ,तुम लोग मेरी कृपा से जीवित हो ,और मजे कर रहे हो ,इसलिए तुम हरदम मेरी तारीफ़ किया करो
"बुखारी -जिल्द 9 किताब 4 हदीस 541 .और मुस्लिम-4 किताब 4 हदीस 30
10 -मुहम्मद से मजाक करने की सजा
"एक गुलाम औरत का लड़का अंधा था ,उसने रसूल का मजाक उड़ाया ,रसूल ने उस लडके को मौत ककी सजा सुनाकर उसकी माँ के सामने क़त्ल करावा दिया "अबू दाऊद-किताब 38 हदीस 4348 है .
"अबू हुरैरा ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि ,मेरा मजाक उड़ाना कुफ्र है ,और शरीयत के कानूनों के खिलाफ है ,जिसके अनुसार मेरा मजाक उड़ाने वाले को ,या तो सूली पर चढ़ा देना चाहिए ,या उसकी गर्दन काट देना चाहिए "बुखारी -जिल्द 9 किताब 98 हदीस 57
11 -मुहम्मद कि नक़ल करने कीसजा
"आयशा ने कहा कि,रसूल ने कहा कि ,अगर कोई मेरी नक़ल करेगा ,या मेरी तरह बोलेगा तो कठोरतम सजा दी जायेगी .क्योंकि रसूल की आवाज भर्राती थी "
बुखारी -जिल्द 6 किताब 93 हदीस 646 .
12 -रसूल का अपमान करने कि सजा
"जो रसूल का अपमान करे ,उसके टुकड़े टुकड़े कर के फेक दो "बुखारी -जिल्द 6 किताब 60 हदीस 282 .मुस्लिम -किताब 32 हदीस 4091
"काब इब्ने अशरफ ने एक बार रसूल को सलाम नहीं किया था ,रसूल ने उसको उसी वक्त क़त्ल करा दिया "
बुखारी -जिल्द 5 किताब 59 हदीस 369
"इब्ने उमर ने कहा कि एक बार एक गाँव की औरत ने ,रसूल के लिए अरे शब्द कहा ,रसूल ने उसे क़त्ल करा दिया "
बुखारी -जिल्द 5 किताब 59 हदीस 362
इकारिमा ने कहा कि रसूल का हुक्म था कि ,यदि कोई मेरा अपमान करे तो ,उसे ज़िंदा जला दिया जाए."बुखारी -जिल्द 1 किताब 84 हदीस 57
"जो रसूल का अपमान करे ,उसे सता सता कर मार डालो .और कष्टदायी मौत दो
"बुखारी -जिल्द 1 किताब 9 हदीस 251
13 -रसूल की निंदा करने कि सजा
"अनस ने कहा कि,रसूल ने कहा कि ,मेरी निंदा करने वाले कि सजा मौत है .
"बुखारी -जिल्द 4 किताब 52 हदीस 270 -271
"अबू हुरैरा ने कहा कि ,रसूल ने हमें आदेश दिया था कि,जोभी मेरी निंदा करता हुआ पाए ,उसे क़त्ल करदो ."
बुखारी -जिल्द 6 किताब 60 हदीस 311
14 -कुरआन का अपमान करना
"इब्ने उमर ने कहा कि ,एक औरत ने रसूल के कुरआन पढ़ने के तरीके,और उनकी आवाज का मजाक किया .रसूल ने उस औरत को अपनेहथों से वहीं क़त्ल कर दिया "
बुखारी -जिल्द 5 किताब 59 हदीस 362
15 -ईश निंदा का इस्लामी कानून
इस कानून के अधीन वह सभी काम या विचार अपराध माने जाते है जो इस्लामी मान्यताओं के विपरीत हों .जैसे मुसलमान मानते है कि ,मुहम्मद जब चलता था ,तो उसकी छाया नहीं पड़ती थी ,मुहमद के मल मूत्र से सुगंध आती थी ,मुहमद रोज अल्लाह से मिलने जन्नत जाता था ,उसके थूक से सभी रोगों इलाज होता था आदि ,यदि कोई इस बात से इंकार करे तो उसे क़त्ल कर दिया जाये .
पाकिस्तान में इसी कानून कि धारा 295 c के अधीन सन 1986 से 2007 तक 647 लोगों को मौत कीसजा दी गयी थी .नवम्बर 2010 आयशा बीबी नामकी औरत को मौत की सजा दी गयी 12 दिसंबर 2010 को पंजाब के गवर्नर "सलमान तासीर की हत्या कर दी गयी .1996 एक महिला "जैबुन्निसा "को मौत की सजा दे दी गयी .30 जुलाई 2009 पंजाब के जिले गोजरा में "सिपाहे सहबा "के लोगों ने २७० ईसाइयों को माराऔर उनके घर जला दिए .
इसी तरह सलमान रश्दी और तसलीमा नसरीन की मत का फतवा दे दिया '
यह मुहम्मद गीरी या दादागीरी नहीं तो क्या है .?



रसूल की पत्नी :ज़िंदा दफ़न !!

इतिहास में ऐसे कई उदाहरण मिल जायेंगे कि ,पापियों और दुष्टों के कुकर्मों का फल खुद उसको और उसके सारे परिवार के लोगों को भुगतना पड़ता है.जिस तरह से मुहम्मद ने निर्दोष लोगों की हत्याएं करवाईं ,उसी तरह से खुद मुहम्मद ,उसकी बेटी फातिमा ,उसके दामाद अली ,और नवासे हसन ,हुसैन की हत्याएं की गयी थीं .इसके बारे में पिछले लेखों में विस्तार से दिया गया है .
मुहम्मद 25 साल की आयु से मरते समय 63 साल की आयु तक अल्लाह का रसूल होने का दावा करता रहा .लेकिन लगता है कि स्वयं मुहमद के अनुयायी उसके दावों पर यकीन नहीं करते थे .वरना उसकेपरिवार के लोगों को इतनी बेदर्दी से क़त्ल नहीं करते .
बाकी बातें तो सब जानते हैं ,मगर मुसलमान बड़ी चालाकी से ,मुहम्मद की सबसे प्यारी पत्नी आयशा बिन्त अबूबकर की मौत के बारे में खामोश रहते हैं .किसी को आयशा की कब्र का पता नहीं है .मुसलमान किसी को नहीं बताते कि आयशा कैसे और कब मरी थी .हम बताते हैं -
1 -आयशा की शादी कब और कैसे .
सब जानते हैं कि मुहम्मद को औरतों का शौक था ..उसने 25 साल कि आयु में 40 साल की एक धनवान विधवा खदीजा से धन की खातिर शादी की थी .सन 620 खदीजा का देहांत हो गया .इसके बाद मुहम्मद ने फिर सौदा नामकी विधवा से शादी कर ली .उस समय सौदा 30 साल की और मुहम्मद 50 साल का था .
उन्हीं दिनों मुहम्मद के घर के पास अबूबकर का परिवार रहने लगा .यह परिवार अबीसीनिया से मदीना आया था .अबूबकर की पत्नी का नाम ऊम्मे रूमान था .उसकी बड़ी बेटी का नाम असमा और छोटी का नाम आयशा था ,जो 6 साल की थी .अबूबकर के बेटे का नाम भी मुहम्मद था .
एक दिन मुहम्मद की नजर आयशा पर पड़ गयी जो उस समय गुड़ियों से खेल रही थी .जब मुहम्मद ने अबूबकर से कहा की मैं अल्लाह का रसूल हूँ .और मुझे अल्लाह ने इस बच्ची से शादी करने का हुक्म दिया है .अबूबकर मुहम्मद की चाल में आगया .और उसने सन 623 में मुहम्मद की शादी आयशा से कर दी .उस समय मुहमद की आयु 53 साल थी .कुछ लोग आयशा की शादी की आयु 9 साल बताते है .
मुहम्मद को कुंवारी लड़की पसंद आगई .मुहम्मद ने आयशा को "उम्मुल मोमनीन "यानी मुसलमानों की अम्मा का ख़िताब दे दिया .
आयशा मुहम्मद की प्यारी पत्नी बनी रही .यद्यपि मुहम्मद ने इसके बाद कई शादियाँ और भी की थीं
2 -आयशा चालाकियां
धीमे धीमे आयशा ने मुहम्मद को पूरी तरह कब्जे में कर लिया .मुहम्मद आयशा की गोद में कुरआन की आयतें बनाता था .और आयशा भी जो कहती थी ,लोग उसे हदीसें समझकर लिख लेते थे ..आयशा बड़ी होकर राजनीति भी करने लगी .और अपने पिता के पक्ष में माहौल बनाती रही .आयशा के कारण ही अबू बकर पहिला खलीफा बना था .
3 -आयशा व्यभिचार में पकड़ी गयी
कहा जाता है कि आयशा मुहम्मद से संतुष्ट नहीं थी .एक समय वह मुहम्मद के साथ काफिले में जा रही थी .तो काफिला एक जगह विश्राम के लिए ठहर गया .आयशा बिना मुहम्मद को बताये अचानक काफिले से गायब हो गयी .एक दिन और दो रात तक उसका कोई पता नहीं चला .खोज करने पर आयशा "सफ़वान बिन मुत्तल "नामके जवान के साथ पकड़ी गयी .आयशा ने बहाना किया कि वह अपने गले का हार खोनाने के लिए गयी थी .जब आयशा अपने निर्दोष होने का सबूत नहीं दे सकी ,तो लोगों ने कानून के अनुसार आयशा को चालीस कोड़े लगाने की मांग की .मुहम्मद आयशा के रूप में इतना अँधा हो गया था कि ,उसने उसी समय कुरआन कीएक आयत सूरा -अहजाब 33 :53 लोगों को सूना दी .और कहा की अल्लाह ने आयशा को निष्पाप माना है .उसे कोई सजा नहीं हो सकती .
बुखारी -जिल्द 5 किताब 59 हदीस 632
यही नहीं ,आयशा मुहम्मद को हमेशा सम्भोग के लिए उकसाती थी .ताकि वह वश में रहे .
4 -मुहम्मद की हत्या में आयशा का हाथ
शिया लोगों का आरोप है कि मुहम्मद कुदरती मौत नहीं मारा था .उसकी हत्या कि गई थी .और इस ह्त्या में मुहमद कि एक पत्नी "हफसा "और "आयशा "का हाथ था ,जिस यहूदी औरत ने मुहम्मद को जहर दिया था उस जहर से मुहम्मद बीमार हो गया था .मुहम्मद आयशा के साथ सम्भोग के समय मरा था .(पिछले लेख देखिये )
5 -आयशा के षडयंत्र
आयशा ने मुहम्मद की मौत के बाद अपना काफी प्रभाव बाधा लिया था .और लोगों को अपने पक्ष में कर लिया था .आयाशाने अपने पिता अबू बकर को चालाकी से खलीफा बनवा दिया .जबकि अली को खलीफा बनना चाहिए था .आयशा ने अपने पिताको अली के घर पर हमला करने को उकसाया था .अबूबकर और उम्र ने फातिमा के घर में घुसकर फातिमा को इतनी जोर से किवाड़ के बीच में दवाया कि फातिमा के पेट से बच्चा गिर गया .और फातिमा भी मर गई ..
इसी तरह आयशा ने 17 जुलाई सन 656 को अपने भाई "मुहम्मद बिन अबू बकर "से खलीफा "उस्मान बिन अफ्फान "कि हत्या करवा दी थी .जब उस्मान कि पत्नी "नाईला "पति को बचाने लगी तो आयशा के भाई ने उसकी उंगलियाँ काट दीं.
आयशा काफी महत्वाकांक्षी औरत थी .उसके कई दुसमन भी बन गए थे .चौथे खलीफा अली कि हत्या हो जाने के बाद सन 661 में "मुआविया बिन अबू सुफ़यान "खलीफा बना .आयशा की पाहिले तो मुआविया से काफी दोस्ती रही .लेकिन मुआविया आयशा के दोगले स्वाभाव से नाराज हो गया .वह आयशा को रस्ते का कांटा मानने लगा .और एक दिन आयशा की इस तरह से हत्या कर दी कि इसको जानकर मुहम्मद की कब्र भी कांपती रहती है .मुसलमान इस बात को छुपाते हैं .पूरी घटना इस प्रकार है -
6 -आयशा कुत्ते की मौत मरी
हम हिंदी के साथ अंगरेजी में पूरे सबूत दे रहे है
"मुशरफुल मोमिनीन शेखुल तरीकत ,हजरत ख्वाजा महबूब कासिम चिश्ती मुशरफी ने इतिहासकार "इब्ने खुल्दून"के पेज नंबर 616 पर लिखा है ,कि मुआविया ने एक दिन आयशा को अपने महल में खाने कि दावत पर बुलाया .इसके पाहिले मुआविया ने एक गहरा गड्ढा खुदवा रखा था .और उस गड्ढे में सीधे खड़े हुए भाले और तलवारें गाड़ रही दी .और उसपर लकड़ी के कमजोर पट्टे रख कर ढँक दिया था .फिर जब आयशा आई तो तो उसी पर कालीन बिछाकर आयशा की कुर्सी रखवा दी .जैसे ही आयशा उस कुर्सी पर बैठी ,सीधे गड्ढे में लगे भले ,तलवारों से बिध गयी .और घायल होकर तड़पने लगी .मुआविया ने उसी समय गड्ढे को भरवा कर समतल करा दिया .यह सन 678 की बात है
Musharaf al Mehboobeen, By Sheikh ul Tareeqat Hazrat Khwaja Mehboob Qasim Chishti Muhsarafee Qadiri, Page 616
Mawiya invited Hazrat Ayesha for dinner. He ordered for a ditch to be dug, and filled it with spears and swords tipped upwards. According to the History of Allama Ibn Khaldun, Mawiya covered this deep well with weak wood and covered it with carpet. He placed a wooden chair on top of this trap in respect for Hazrat Ayesha. As soon as Hazrat Ayesha sat on the chair, she fell into the well and got severely injured with a lot of broken bones. To hide his crime, Mawiya ordered the sealing of the well and with it, buried Ayesha in it, thus was responsible for the murder of Ayesha.



इस से साबित होता है कि मुहम्मद अल्लाह का रसूल नहीं था .और हरेक व्यक्ति को उसके कुकर्मों का फल जरूर मिलताहै .मुसलमान इस बात जितना भी छुपाये .,सच्चाई चुप नहीं सकती है .अब कोई मुस्लिम ब्लोगर बताये कि आयशा कैसे मरी थी
http://www.ahlalhdeeth.com/vbe/showthread.php?t=7374
मुहम्मद कीहत्या आयशा ने की थी इसके प्रमाण भी देखिये आयशा
http://www.youtube.com/watch?v=_HiMgW9yd7w



अल्लाह को जानिये !

अधिकांश गैर मुस्लिम लोगों को अल्लाह और इस्लाम के बारे में पुरी जानकारी नहीं होती है .लोगों को अल्लाह और इस्लाम के बारे में वही जानकारी होती है ,जो वह फिल्मों और टी वी चेनलों में देखते हैं .चालाक मुस्लिम ब्लोगर अपने ब्लोगों में इस्लाम के बारे में प्रचारित करते है .इस झूठे प्रचार के कारण कुछ लोग खुद को सेकुलर मानने लगे हैं .और अल्लाह को ईश्वर कहने लगे हैं .इन लोगों को अल्लाह के बारे में न तो यह पता है की अल्लाह का कैसा स्वभाव है ,और उसे क्या पसंद है .और वह किस चीज से नफ़रत करता है .या किस बात को नापसंद करता है .हम आपको अल्लाह की पसंद और नापसंद की कुछ बातें संक्षिप्त में दे रहे है -
अल्लाह को पसंद है -1 मस्जिदें बनवाना 2 लोगों को डराना 3 अपनी तारीफ़ करवाना 4 मुसलामनों के मुंह की सडांध 5 लोगों को बीमार करना 6 मर्दों के गर्दन तक लटके बाल 7 मुसलमानों के गंदे पैर 8 लड़ाई ,जिहाद 9 लूट का माल
अल्लाह को नापसंद है -संगीत ,वाद्य 2 सवाल करना 3 औरतों का सम्भोग से इंकार 4 यहूदी ,ईसाई 5 शिक्षा ,पढाई 6 खेती करना 7 गैर मुस्लिमों से दोस्ती .करना .
अब आपको इसके बारे में प्रमाणिक हदीसों और कुरआन से सबूत दिए जा रहे हैं -
1 -मस्जिदें बनवाना
"रसूल ने कहा किजो व्यक्ति जितनी भी मस्जिदें बनवायेगा ,अल्लाह उसके लिए जन्नत उतने ही मकानबनवा देगा "
बुखारी -जिल्द 1 किताब 8 हदीस 441
"शुक्रवार के दिन फ़रिश्ते मस्जिद के दरवाजे पर आ जाते हैं ,और लोगों के आने का इंतजार करते है .और मस्जिद बनवाने वाले को दुआ देते रहते हैं .इस से अल्लाह खुश होता है ."बुखारी -जिल्द 4 किताब 54 हदीस 433
"अल्लाह को बाजारों से नफ़रत ,और मस्जिदें पसंद है ".मुस्लिम -किताब 4 हदीस 1416
2 -लोगों को डराना -
"अबू मूसा नेकहा कि ,रसूल ने बताया कि अल्लाह चन्द्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण इसलिए करता है कि लोग डर जाएँ ,और डर के मारे अल्लाह को पुकारने लगें "बुखारी -जिल्द 2 किताब 18 हदीस 167
3 -अपनी तारीफ़ करवाना -
"अबू हुरेरा ने कहा कि रसूल ने कहा कि अल्लाह अपनी तारीफ़ सुन कर खुश होता है .अल्लाह अपनी जीतनी इज्जत और तारीफ़ खुद करता है ,उतनी कोई दूसरा नहीं कर सकता .अल्लाह को अपनी तारीफ़ पसंद है "मुस्लिम -किताब 37 हदीस 6647 और 6648
4 -मुंह की बदबू और सड़ांध
"अबू हुरेरा ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि अल्लाह को रोजेदार मुसलमानों के मुंह से निकलने वाली बदबू और सडांध बहुत पसंद है .अल्लाह को उस बदबू में मुश्क की खुश्बू आती है ."बुखारी -जिल्द 7 किताब 72 हदीस 811
5 -लोगों को बीमार कर देना -
"रसूल ने कहा कि अल्लाह अपने मुस्लिम बन्दों को ,कोढी ,अंधाऔर गंजा कर देता है .और उनको बीमार कर देता है .ऐसा करके अल्लाह ईमानवालों का इम्तिहान लेता है "मुस्लिम -किताब 42 हदीस 7071 और अबू दौउद -जिल्द 2 किताब 20 हदीस 2083
6 -मर्दों के लम्बे बाल -
"इब्ने अब्बास ने कहा कि ,रसूल ने बताया कि ,अल्लाह को रसूल के गर्दन से नीचे लटके हुए बाल बहुत पसंद है ,क्योंकि अहले किताब (यहूदी ,ईसाई )ने नबियों के ऐसे ही बाल थे .और यह देखकर रसूल ने भी वैसे बाल रख लिए "बुखारी -जिल्द 4 किताब 56 हदीस 758
7 -गंदे पैर -
"रसूल ने कहा कि अगर किसी जिहादी के पैर जिहाद के कारण मिट्टी और धूल से घुटनों तक सने होंगे ,तो अल्लाह ऐसे पैरों को पसंद करेगा ,नाकि धुले हुए साफ पैरों को "बुखारी -जिल्द 2 किताब 13 हदीस 30
8 -लड़ाई करना और जिहाद करना -
"अबू मूसा ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि जो मुसलमान हमेशा अल्लाह के नाम पर लड़ता रहता है ,और जिहाद करता है ,तो अल्लाह उसे सबसे अधिक पसंद करता है .और जन्नत में उसे ऊंचा दर्जा मिलेगा "बुखारी -जिल्द 1 किताब 3 हदीस 125
9 -लूट का माल -
"जुबेरिया बिन कदम ने कहा कि उस समय मदीना के लोग अक्सर जिहाद करते थे ,और और लोगों से जबरन जकात और जजिया वसूलते थे .रसूल कहते थे कि इस से अल्लाह खुश होता है "बुखारी-जिल्द 4 किताब 53 हदीस 388
"अबू हुरेरा ने कहा कि रसूल लूट के माल से धनवान हो गए थे .उनके पास कई मर्द और औरतें गुलाम थे ..तसूल कहते थे कि मुझे धनवान देखना अल्लाह को पसंद है ,बुखारी -जिल्द 3 किताब 37 हदीस 495
अब आपको बताते हैं कि अल्लाह को कौन सी बातें नापसंद हैं ,या किस बात से नाराज होता है .देखिये -
1 -संगीत और वाद्य
"रसूल ने कहा कि ,घंटी बजाना ,और संगीत के वाद्य शितन के काम हैं ,और अल्लाह को नापसंद हैं .मुस्लिम -किताब 24 हदीस 5279
"अबू मालिक ने कहा कि रसूल ने कहा कि ,जो व्यक्ति संगीत का आनद लेगा ,और बाजे बजाएगा ,और रेशम के कपडे पहनेगा ,अल्लाह उसे बर्बाद कर देगा .और उसे सूअर और बन्दर बना देगा .बुखारी -जिल्द 7 किताब 69 हदीस 49
2 -सवाल करना -
"रसूल ने कहा कि जोभी व्यक्ति अल्लाह के बारे में सवाल करेगा तो वह शैतान के प्रभाव में है ,अल्लाह को उसके बारे में सवाल करना पसंद नहीं है .बुखारी -जिल्द 4 किताब 54 हदीस 496 और मुस्लिम -किताब 1 हदीस 242 -243
3 -औरतों का सम्भोग से इन्कार .
"अबू हुरेरा ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि ,अगर कोई औरत अपने पति के कहने पर तुरंत सम्भोग के लिए तैयार नहीं होती ,तो उस से अल्लाह नाराज हो जाताहै .और जब तक वह सम्भोग नही करवा लेती ,अल्लाह उसे धिक्कार करता है .मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3367 -3368
"रसूल ने कहा कि ,औरत को पति के कहने पर सब काम छोड़कर तुरंत सम्भोग के लिए टायर हो जाना चाहिए .यदि वह पति के साथ ऊंट के हौदे में हो तो उसी पर सम्भोग करावा लेना चाहिए .वरना अल्लाह नाराज होगा .इब्ने माजाकिताब 3 हदीस 1853 -1855
4 -यहूदी और ईसाई
"अलाह को यहूदियों और ईसाइयों से इतनी नफ़रत हुई कि ,उन्हें बन्दर और सूअर बना दिया .कुरआन .सूरा मायदा 5 ;60
"सलीम बिन अब्दुलाह ने कहा कि ,रसूल ने कहा ,अगर यहूदी और ईसाई दुआ करेंगे तो अल्लाह उसका आधा सवाब मुसलमानों को दे देगा .अल्लाह को वे लोग पसंद नहीं हैं .बुखारी -जिल्द 1 किताब 10 हदीस 352
5 -शिक्षा और पढ़ाई
"अता बिन यासर की रवायत है कि ,अल्लाह को शिक्षा से नफ़रत है ,वह अशिक्षा और पसंद करता है .बुखारी -जिल्द 3 किताब 34 हदीस 355
"मूसा बिन इस्माइल अल बहरीने कहा कि ,रसूल ने कहा कि अल्लाह अन पढों को इसलिए पसंद करता है ,क्योंकि उसका रसूल भी खुद को अनपढ़ कहता है .अल्लाह यह नहीं चाहता कि कोई रसूल से अधिक पढ़ जाये .मुस्लिम -किताब 1 हदीस 264
6 -खेती करना
"अबू उमामा नेकहा कि रसूल ने कहा कि ,अल्लाह को खेती की जगह जिहाद ,और औजारों कि जगह हथियार ज्यादा पसंद हैं .जो खेती को छोड़कर जिहाद करेगा अल्लाह उसे पसंद करेगा .बुखारी -जिल्द 3 किताब 39 हदीस 514
7 -गैर मुस्लिमों से दोस्ती
"ईमान वालों को चाहिए कि वह काफिरों को दोस्त न बनायें .कुरआन .सूरा आले इमरान 3 :28
अब इस पूरे विवरण को पढ़ने के बाद आपको अल्लाह की पसंद और नापसंद के बारे में अच्छी तरह से पता चल गया होगा ..यह लेख वह लोग जरुर पढ़ें जो सेकुलर हैं .और अल्लाह को ईश्वर मानाने भूल कर रहे हैं.
http://www.islam-watch.org/AbulKasem/BismiAllah/3a.htm



अल्लाह क्या देगा :रसूल क्या लेगा !!

इस्लाम के अलावा सभी धर्म यही चाहते हैं ,कि मनुष्य अपना जीवन परोपकार और प्राणिमात्र के कल्याण के लिए समर्पित कर दे .और इसके बदले ईश्वर उसे इस जीवन में सुख शान्ति और मोक्ष या मुक्ति प्रदान करेगा उत्तम व्यक्ति ईश्वर से केवल ज्ञान और आत्मशान्ति मांगते हैं.
चूँकि इस्लाम का उद्देश्य मानव कल्याण नहीं है ,और मुसलमानों की इच्छा इस जीवन में और मरकर जन्नत में अय्याशी करना है .और मुसलमान भी अल्लाह से यही माँगते रहते हैं .इस्लाम का आधार सेक्स होने के कारण अल्लाह मुसलमानों को जन्नत में जो कुछ देगा उसके सिर्फ दो नमूने दिए जा रहे हैं .इसी तरह रसूल भी मुसलमानों से बदले में उनकी जो चीज मांगता है ,वह भी बताई जा रही है .
1 -अल्लाह सौ लोगों के बराबर संभोगशक्ति देगा -
"रसूल ने कहा कि ईमान वालों को जन्नत में सम्भोग करने के लिए इतनी शक्ति प्रदान की जायेगी कि वह सौ लोगों के बराबर सम्भोग कर सकेगा .जब रसूल से पूछा गया कि क्या व्यक्ति इतना सम्भोग कर सकेगा ,तो रसूल ने कहा कि हाँ ,उसे सौ आदमियों के बराबर सम्भोग की शक्ति मिलेगी . وقال الرسول الكريم : 'إن المؤمن وستعطى قوة كذا وكذا في الجنة لممارسة الجنس. وتساءل البعض : يا نبي الله! يمكن فعل ذلك؟ وقال : "انه سوف تعطى قوة مائة شخص. मिश्कात अल मस्बीह -जिल्द 4 किताब 42 हदीस 24
The Holy Prophet said: 'The believer will be given such and such strength in Paradise for sexual intercourse. It was questioned: O prophet of Allah! can he do that? He said: "He will be given the strength of one hundred persons.
Mishkat al-Masabih Book IV, Chapter XLII, Paradise and Hell, Hadith Number 24
2 -अल्लाह ऐसा लिंग देगा जो सदा खडा रहेगा
"अबू उमम की रिवायत है ,कि अल्लाह के रसूल ने कहा कि ,अल्लाह जिसे भी जन्नत में दाखिल करेगा ,उसे संभोग के लिए 72 औरतें दी जाएँगी .जिसमे दो हूरें होंगी और 70 उसकी सहायक होंगी .और सम्भोग के लिए उस व्यक्ति का लिंग सदा खडा रहेगा ."
" وكل منهم أجهزة شبق الجنس وانه سوف يكون لها أي وقت مضى القضيب. ' " सुन्नन इब्ने माजा -किताब जुह्द हदीस 39
Abu Umama narrated: "The Messenger of God said, 'Everyone that God admits into paradise will be married to 72 wives; two of them are houris and seventy of his inheritance of the [female] dwellers of hell. All of them will have libidinous sex organs and he will have an ever-erect penis.' "
Sunan Ibn Maja, Zuhd (Book of Abstinence) 39
3 -इसके बदले मुहम्मद को क्या चाहिए
आप सोच रहे होंगे कि मुहम्मद मुसलमानों को यह वरदान मुफ्त में दिलवा देगा .वह भी मुसलमानों से जो चीज मागता है ,वह खुद बताता है .आप खुद देखिये -
"रसूल ने कहा कि जो भी अपनी दौनों टांगों के बीच की चीज (लिंग )और अपने होंठ मुझे सौप देगा उसी को जन्नत में जगह मिलेगी "
حدثنا ‏ ‏محمد بن أبي بكر ‏ ‏حدثنا ‏ ‏عمر بن علي ‏ ‏ح ‏ ‏و حدثني ‏ ‏خليفة ‏ ‏حدثنا ‏ ‏عمر بن علي ‏ ‏حدثنا ‏ ‏أبو حازم ‏ ‏عن ‏ ‏سهل بن سعد الساعدي ‏
‏قال النبي ‏ ‏صلى الله عليه وسلم ‏ ‏من توكل لي ما بين رجليه وما بين لحييه توكلت له بالجنة ‏
Muhammad ibn Abi Bakr, Umar ibn Ali narrated and told me Khalifa Umar ibn al-Ali told us told us Abu Hazim from Sahl bin Saad Al-Saadi:
The Prophet peace be upon him said: Whoever entrusts to me what is between his legs and what is between his lips will be granted paradise.
बुखारी -जिल्द 1 किताब 32 हदीस 6309
इस विवरण से साफ साबित होता है कि इस्लाम कोई धर्म नहीं है .और मुहम्मद के साथ अल्लाह भी सेक्स के रोगी हैं .यही कारण है ,कि इम्पेक्ट की गैंग हर बात पर भगऔर लिंग की बात करते रहते हैं .जब उनका अल्लाह और रसूल इस गंदी मानसिकता के हैं ,तो मसलमान शरीफ कैसे हो सकते है यह सारा सबूत विकी इस्लाम में "sexuality "टोपिक में उपलब्ध है .
यदि यह लोग व्यक्तिगत आक्षेप लगायेंगे तो विवश होकर हमें "इस्लामी कामसूत्र "या "रसूल लीला "प्रकाशित करना पडेगा .
http://www.wikiislam.net/wiki/Qur'an,_Hadith_and_Scholars:Aisha#Sexuality



मुहम्मद का लिंग चमत्कार !

यह एक अटल सत्य है कि "जैसी मति वैसी गति "अर्थात व्यक्ति जीवन जैसे विचार और आचार रखता है ,उसकी मौत भी वैसी ही होती है .मुसलमान भले मुहम्मद को रसूल और महापुरुष कहते रहें ,लेकिन वास्तव में वह एक अत्याचारी ,कामी और बलात्कारी व्यक्ति था .वह औरत के लिए ह्त्या भी करवाता था .मुहम्मद का यही दुर्गुण उसकी दर्दनाक मौत का कारण बन गया .मुहमद कुदरती मौत नहीं मरा ,उसकी जहर देकर ह्त्या की गयी थी .मुसलमान इस बात को छुपाते हैं .और टाल जाते हैं .लेकिन इसके पुख्ता सबूत मौजूद है .
1 -मुहमद की हत्या के निमित्त
हमने पिचले लेख में बताया था कि सन 628 में मुहम्मद ने अपने साथियों के सात बनू कुरेजा के कबीले पर धन के लिए हमला किया था .इस हमले उसने कबीले के यहूदी पुरुषों ,बच्चों और काबिले के सरदार "किनाना बिन अल रबी "की ह्त्या करा दी थी .और उसकी पत्नी साफिया के साथ जबरन शादी कर ली थी .और उसी दिन सफियाने मुहम्मद के खाने में जहर मिला दिया था .जो मुहम्मद के शरीर में धीमे धीमे असर करता रहा .और आखिर वह उसी जहर के कारण ऎसी मौत मरा कि मुसलमान दुनिया में यह बात बताने से कतराते हैं .
2 -साफिया ने मुहम्मद को जहर दिया
"अब्दुर रहमान बिन अबूबकर ने कहा कि रसूल ने एक भेड़का बच्चा जिबह किया ,और उसे पकाने के लिए साफिया के पास भिजवा दिया .साफिया ने उसे पकाया .बुखारी -जिल्द 3 किताब 47 हदीस 787
"अनस बिन मालिक ने कहा कि .रसूल की एक यहूदी पत्नी ने भेड़ का बच्चा पकाया था ,जिसमे जहर था .रसूल प्लेट से लेकर वह गोश्तखा गए
बुखारी -जिल्द 3 किताब 47 हदीस 786
3 -जहर से मुहम्मद बीमार रहता था
"आयशा ने कहा कि रसूल कहते थे कि मैं सीने में दर्द महसूस करता हूँ ,लगता है यह उसी खाने के कारण है ,जो मैंने खैबर के हमले के समय खाया था.मुझे ऐसा लगता है जैसे मेरे गर्दन की धमनी कट गयी हो .बुखारी- जिल्द 5 किताब 59 हदीस 713
4 -मुहम्मद मौत से डरता था -
"आयशा ने कहा कि उस दिन (मौत के दिन )रसूल के साथ सोने की मेरी बारी थी ,रसूल ने कहा मुझे पता नहीं है ,कि मैं कहाँ जाऊँगा ,कहाँ सोऊंगा और मेरे साथ कौन होगा .मैंने कहा यद्यपि मेरी बारी है ,फिर बी अप किसी के साथ सो सकते है .मुझे पता नहीं था कि रसूल अगली दुनिया की बात कर रहे थे ..बुखारी -जिल्द 7 कित्ताब 62 हदीस 144
5 -मुहम्मद की नफरत भरी इच्छा
"इब्ने अब्बास ने कहा जिस दिन रसूल मरे .वे मुझ से कह रहे थे ,सारे अरब से काफिरों ,यहूदियों और ईसाइयों को निकाल दो ,उनके उपासना स्थलों को गिरा दो .और उनको कबरिस्तान में बदल दो .बुखारी -जिल्द 4 किताब 56 हदीस 660
6 -मुहम्मद की मौत का हाल
मुहमद कि मौत 8 जून सन 632 को हुयी थी आयशा उसके साथ थी ,उसने कहता -
आयशा कहा कि रसूल की तबीयत खराब थी ,मैं पानी लेकर आई और रसूल को पानी पिला कर उनके चहरे पर पानी मला .रसूल आपने हाथ ऊपर करके कुछ कहना चाहते थे ,लेकिन उनके हाथ नीचे लटक गए .बुखारी -जिल्द 5 किताब 59 हदीस 730
"आयशा ने कहा कि उस दिन रसूल के साथ सोने की मेरी बारी थी ,रसूल मेरे पास थे ,लेकिन अल्लाह ने उन्हें उठा लिया.मरते समयुनका सर मेरे दोनों स्तनों के बीच था .उआकी लार मेरे थूक से मिल कर मेरी गर्दन से बह रही थी .बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 144 -145
"रसूल की लाश को अली बिन अबू तालिब और अल अब्बास ने पर पकड़ कर जमीन पर रख दिया .बुखारी -जिल्द 1 किताब 11 हदीस 634
7 -मुहम्मद का लिंग आकाश (अल्लाह )की तरफ था
'खर सुनते ही अली इब्ने अबू तालिब जो रसूल के दामाद और चचेरे भी थे आगये .उनहोंने देखा कि रसूल का बेजान जिस्म जमीन पर पडा है लेकिन उनका लिंग आसमान की तरफ खड़ा है .यह देखकर उमर खत्ताब ने रसूल के मरने से इंकार कर दिया .क्योंकि अली ने कहा था "يا أيها النبي القضيب خاصتك هو منتصب حتى السماء! "अंगरेजी में "O prophet thy penis erect unto sky "अबू दौउद -किताब 20 हदीस 3135
7 -विकी इस्लाम से इसके प्रमाण
In English, Ali ibn Abi Ṭalib, the fourth rightly guided Caliph of Islam (and also Muhammad's son-in-law and cousin) had exclaimed upon seeing Muhammad's lifeless corpse: "O prophet, thy penis is erect unto the sky!"
Unsurprisingly, this is one "miracle of Islam" that you will not find proudly displayed or posted in the many Islamic da‘wah (preaching) websites or forums.
Umar ibn al-Khattab, the second rightly guided Caliph of Islam, initially refused to believe Muhammad had died, and who could blame him when the prophet displayed such strong signs of life?
8 - मुहम्मद अपराधी था
मरने बाद इस तरह लिंग के खड़े रहने को "Death erection "या "angel lust "कहते है .यह उन्हीं के साथ होता है जो जघन्य अपराधी होते है ..इसके बारे में हिन्दी विकी पीडिया ने यह लिखा है-
मरणोत्तर स्तंभन (अंग्रेजी: Death Erection डेथ इरेक्शन), एक शैश्निक स्तंभन है और जिसे तकनीकी भाषा में प्रायापिज़्म कहते हैं, अक्सर उन पुरुषों के शव में देखने में आता है, जिनकी मृत्यु प्राणदंड, विशेष रूप से फांसी के कारण हुई हो।
9 -मुहम्मद का दफ़न
अब्दुलाह बिन अब्बास ने कहा कि रसूल को इसी दशा में नजरान के तीन कपड़ों में दफ़न कर दिया गया था .दो कपडे ऊपर के थे और एक नीचे तहमद थी अबू दौउद -किताब 20 हदीस 3147
अब हम कैसे मने कि मुहमद एक महा पुरुष या रसूल था .उसने अपने कुकर्मों का फल मरने बाद पा लिया .वह क़यामत तक इसी तरह अपना लिंग अल्लाह कि तरफ दिखाता रहेगा .
यदी किसी को शक हो तो वह गूगल में "muhammad and his eternal erection "सर्च करके देख लें

इस्लामी जानवरियत :जानवर कौन है ? 

जो लोग किसी हिंसक और क्रूर व्यक्ति को जानवर कह देते हैं ,वे इस लेख को ध्यान से पढ़ें और फैसला करें कि असली जानवर कौन हैं .हमारा विश्वास है कि सारे प्राणी ईश्वर की स्रष्टी हैं .उन्हें भी जीने का अधिकार है .कुरआन में जानवरों के बारे में यह लिखा है -
1 -जानवर अल्लाह ने बनाए हैं ,वे समझदार होते है .
"क्या इन लोगों ने नहीं देखा कि हमने चौपाये बनाए जिन्हें हमारे हाथों ने बनाया है "सूरा -यासीन 36 :71
कुरआन की सूरतों के नाम प्राणियों के नाम पर है ,जैसे बकरा =ऊंट ,नम्ल=चींटी .नह्ल=मधुमखी ,अनकबूत =मकडी और फील =हाथी .यानी अल्लाह को इनके बारे ने ज्ञान था .अल्लाह को ज्ञात था कि जीवों में बुद्धि भी होती है .
2 -जानवर बुद्धिमान होते है
"हमने हुदहुद से कहा कि यह पात्र लेजा और डाल दे ,देखें कि वह लोग पत्र पढ़कर पढ़कर क्या जवाब देते हैं ".सूरा -नम्ल 27 :28
"हमने जानवरों को जमीन से निकाला ,जो लोगों से बात करेंगे ,ताकि लोग हमारी आयातों पर यकीन करें .सुरा-अम्ल 27 :82
3 -जानवर मूर्ख और अचेतन हैं .
"अल्लाह की नजर में सारे जीव गूंगे और बहरे है ,जो भूमि पर चलते हैं .वे अचेतन है .सूरा -अन्फाल 8 :22
"क्या तुम समझते हो कि यह जानवर सुनते हैं ,और महसूस करते हैं ,यह तो बस निरे पशु हैं .सूरा-अल फुरकान 25 :44
4 -जानवर खाने की चीज हैं -
"तुम्हारे लिए चौपाये की जाती के सारे जानवर हलाल कर दिए गए,तुम उन्हें खाओ .सूरा -मायदा 5 :1
"जिस जानवर पर भी अल्लाह का नाम लियागया हो ,उसे खाजाओ .सूरा -अन आम 6 :119
5 -हलाल -हराम क्या है
"तुम्हारे लिए मुरदार ,सूअर का मांस ,खून और जिस जानवर पर अल्लाह के अलावा किसी और का नाम लिया गया हो ,वे सब हराम ठहराए गए हैं .फिर कोई मजबूर हो जाए ,और उसकी खुद इच्छा नहीं हो तो कोई गुनाह नहीं .सूरा -बकरा 2 173
"हे ईमान वालो ,जिन जानवरों के गले में पट्टे पड़ जाये वे सब कुर्बानी के जानवर हैं .सूरा -मायदा 5 :1
"तुम पर मुरदार ,रक्त ,सूअर का मांस ,और जो जानवर दम घुटने से मरे ,या ऊपर से गिर जाए ,या जसे किसी हिंसक जानवर ने घायल करदिया हो ,तो उसे ज़िंदा रहते ही फ़ौरन जिबह करदो और खा लो .सूरा -मायदा 5 :3
"यदि तुम्हारे सधाए शिकारी जानवर किसी शिकार को पकड़ लें तो उसे पकडे रहो ,और अल्लाह का नाम लेकर खालो .सूरा मायदा 5 :4
6 -ऊंटों की कुरबानी का कारण
मुसलमान बकरों ,गायों ,और भेड़ों की कुरबानी को त्याग और बलिदान का प्रतीक बता कर असली बात छुपा देते है .वे बाइबिल कि चराई गयी एक कहानी बता देते है कि इब्राहीम ने अपने लडके का बलदान दिया था .लेकिन ऊंटों की कुरबानी का कारण लोगों को पता नहीं है .ऊंट की गर्दन नही काटी जाती है .उसे खड़ा करके उसकी गर्दन में भालेसे छेद कर दिया जाता है .जब वह खून बहाने से गिर जाता है तो उसे जिन्दा ही काट कर खा लिया जाता है .इस विधि को "नहरनहर कहा जता है.
ऊंट की कुर्बानी यानी नहर करने का तरीका काफी क्रूर और ह्रदयविदारक होता है .पहिले ऊंट को खडा कर के उसके गले में तेजदार हथियार से उसके गले की धमनी में छेड़ कर दिया जाता है .जब ऊंट खून बह जाने से कमजोर होकर नीचे गिर जता है ,तो उसे ज़िंदा रहते ही टुकड़ों में काट लिया जाता है .और खा लिया जाता है .मुहम्मद ने यह तरीका लोगों को डराने ,और इस्लाम की धाक जमाने के लिए बनाया था .देखिये -


"यह नजारा देख कर काफिरों के दिल थर्रा जायेंगे ,और वह कांप कर अलह को याद करेंगे "सूरा -अल हज 22 :35

फिर मुहम्मद ने तरीका भी बता दिया कि ऊंट की कुरबानी कैसे करें -

"हमने ऊंटों की कुरबानी के लिए यह तरीका ठहराया है कि ,पाहिले ऊंट खानेवाले (ऊंट कटाने तक )धीरज से बैठे रहें .फिर ऊंटों को अल्लाह का नाम लेकर एक पंक्ति में खडा कर दिया जाए .और अल्लाह का नाम लेकर नहर किया जाये .जब ऊंट जमीन पर किसी पहलू पर गिर जाएँ ,तो उन्हें कट कर खाओ और बैठे हुए लोगों को भी खिलाओ .यदि कुछ बचा रहे तो ,माँगने वालों को बाँट दो .इस तरह से हमने ऊंट को तुम्हारे काम में निपटाने का तरिका बता दिया.सूर -अल हज्ज 22 :36

7 -जानवरों के बारे में इस्लाम के विचार -

"जानवरों का खून अल्लाह को प्यारा है .इब्ने माजा -किताब 4 हदीस 3126


"जब जानवरों को मारो तो उनके खून में चप्पल डूबा लो .इब्ने माजा -किताब 4 हदीस 3105 और 3106


"जानवरों को मारते समय चाकू छुपा लो .इब्ने माजा -कित्ताब 4 हदीस 3172


"हर साल कुरबानी करना जरूरी है .इब्ने माजा -किताब 4 हदीस 3125


"कुर्बानी के जानवर को माला पहिनाओ .इब्ने माजा किताब 4 हदीस 3096


"जिबह से पहिले जानवर को खूब सताओ .इब्ने मजा -किताब 4 हदीस 3097


"कुर्बानी से पूर्व ऊंट की सवारी कर लो .इब्ने मजा -किताब 4 हदीस ३१०३और 3104


"अगर ऊंटनी गर्भिणी हो और नहर के समय उसका बच्चा गिर जाये ,तो मान के साथ बच्चे को जिबह कर दो .मुवात्ता -जिल्द 20 :43 /20


"अगर मादा जानवर का बच्चा दूध पीने वाला हो ,तो उसे दूध पीने के पाहिले जबह कर दो .मुवात्ता -जिल्द 20 किताब 43 हदीस 145


"कुरबानी के बाद जानवर कि माला उसी के खून में डूबा दो .मुवता जिल्द 24 किताब 45 हदीस 135 और 154


"अगर किसी ऊंटनी के पेट से साबुत बच्चा निकले ,जो जीवित हो तो उसे भी जिबह कर दो .मुवता जिल्द 24 किताब 4 हदीस 8 और 9

8 -इस्लाम के हैवानी कानून -

"अगर जानवर का मालिक जकात न दे तो ,उसके जानवरों को सजा दो .बुखारी जिल्द 2 किताब 24 हदीस 485 और 539


"अगर तुम जकात नहीं दोगे तो इसकी सजा ऊंटों को मिलेगी .मुस्लिम -किताब 5 हदीस 2126 और 2127


"अगर तुम जकात नहीं देते तो तुम्हारे जानवर थर्राते रहेंगे .इब्ने माजा -किताब 3 हदीस 1785 और 1786

8 -राक्षस मुहम्मद -

"रसूल ने कहा कि लकड़ बग्घे का गोश्त हलाल है.इब्ने माजा -किताब 4 हदीस 1785 और 1786


"घोड़े का मांस भी हलाल है .मुस्लिम -किताब 21 हदीस 4804


"रसूल ने छिपकली (chamaleon )का गोश्त खाया था .मुस्लिम -किताब 21 हदीस 4783 ,4784 और 4787


"रसूल ने कहा कि टिड्डियाँ खाना हलाल है .मुस्लिम -किताब 21 हदीस 4801 और इब्ने माजा -किताब -4 हदीस 3219 और 3220

9 -मुहमद की जानवर बुद्धि

"मुहम्मद ,उमर और अबूबकर गाय से बात करते थे .बुखारी -जिल्द 3 किताब 39 हदीस 514


"गाय और भेड़ियारसूल से बात करते थे .बुखारी -जिल्द 4 किताब 56 हदीस 677
"ऊंट नबी से बोला कि वह भूखा है .अबू दौउद -जिल्द 2 किताब 14 हदीस 2543
"मुहम्मद ,अबू बकर भेड़ियों भाषा समझ सकते थे .और उनसे बात करते थे .मुस्लिम -किताब 31 हदीस 5881
अब आपको पता चल गया होगा कि कुरबानी के पीछे त्याग और बलिदान की बात नहीं जानरों का खून बहाकर दहशत पैदा करना है .और बच्चों को जिहादी बनाना है .अगर मुसलमान अल्लाह के इतने आज्ञाकारी हैं ,तो अपने बच्चों कीकुर्बानी क्यों नहीं देते ?आपको यह भी पता चल गया होगा की असली जानवर तो मुसलमान हैं लोग जानवरों को बेकार बदनाम करते हैं .